स्वर्ग पावन धरा पर उतर आएगा
प्यार का दीप बनकर जलो तो सही,
फिर अंधेरा कहीं पर न रह जायेगा।
निष्कपट भावना से मिलो तो सही,
छल कपट द्वेष पाखण्ड मिट जाएगा।
राष्ट्र उन्नति करे काम ऐसे करो,
इस तिरंगे का गौरव बढ़ाते रहो।
भावनातीत होकर लिखो तो सही,
सोच का दायरा खुद बदल जाएगा।
लक्ष्य जीवन का खाना-कमाना नहीं,
बेवजह निर्बलों को सताना नहीं।
कुछ सृजन जिंदगी में करो तो सही,
स्वर्ग पावन धरा पर उतर आएगा।
प्यारे बच्चों तुम्हीं राष्ट्र की शान हो,
कुछ नया कर दिखाओ वतन के लिए।
फूल बनकर चमन में खिलो तो सही,
सारा गुलशन ही गुलज़ार हो जाएगा।
हद से बढ़ करके संचय कभी मत करो,
रिक्त उदरों को भरने की कोशिश करो।
सबको अवसर बराबर मिले तो सही,
नाम दुनिया में भारत का हो जाएगा।
