मनोज सिंह/ जिला ब्यूरो
टीकमगढ़। इन दिनों ग्राम पंचायतों में की जा रही धांधली और भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने का सिलसिला जारी बना हुआ है। जांच के नाम पर फाइलें धूल खा रही है। हीला हवाली और अफसरों की मनमानी ने प्रशासन और शासन की छवि पर गहरा असर छोड़ा है। आये दिन होने वाली बैठकों और अधिकारियों को दिये जाने वाले निर्देशों पर अमल होता नजर नहीं आ रहा है। इस संबन्ध में की जा रही शिकायतें फाइलों में सिमट कर रह गई हैं। ग्राम पंचायत महाराजपुरा में पूर्व के कार्यों में हुए भ्रष्टाचार की जांच हेतु ग्रामीणों और उप सरपंच चिंजू कुशवाहा ने जनपद पंचायत में दिया आवेदन दिया है। अब इस आवेदन की जांच और दोषियों पर कार्रवाई कब तक की जाएगी, यह बढ़ा सवाल है। बताया गया है कि समस्त महाराजपुरा ग्रामवासियो ने मांग की है कि पूर्व हुए सभी कार्य योजनाओं की निष्पक्ष जांच की जाए और सचिव तथा रोजगार सहायक का तत्काल स्थानान्तरण किया जाए। ग्राम पंचायत का सामान विधिवत दिलाया जाए। सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार जॉब कार्ड में हुआ है। जिनके फ र्जी जोब कार्ड बने हैं, उनको हटाने की और जो वास्तविक गरीब हैं, उनको जोडऩे की अनुमति प्रदान करवाने हेतु आवेदन दिया गया। गौरतलब है कि पूर्व सरपंच बैनी बाई पति रमेश रैकवार के द्वारा लगातार सन् 2016 से 01 जून 2022 तक लगातार सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक की मिलीभगत से हर कार्य योजना में भ्रष्टाचार किया गया। बताया गया है कि यहां हुये तालाब सौंन्दर्यीकरण, कपिल धारा, खेल मैदान, नल जल योजना, सुदूर सडक़, प्रधानमंत्री आवास योजना, अमृत महोत्सव, कॉम्पलेक्स, पुराने पूर्ण कार्यों पर फर्जी बिल लगाकर नया पेमेंट करना, फ र्जी जोब कार्ड सहित अनेक अनियमितताएं की गई हैं, जिनकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाना जरूरी है। ग्रामीणों ने मामले की जांच न होने और दोषियों पर कार्रवाई न होने की दशा में आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है।