फतेहपुर चौरासी उन्नाव।
फतेहपुर84 ब्लाक क्षेत्र की एक सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के कोटेदार की मनमानी को झेल रहे राशन कार्ड धारकों ने कई बार बांगरमऊ तहसील प्रसासन से पात्र कार्ड धारकों नें न्याय की गुहार लगाई लेकिन तहसील स्तरीय भृष्ट विभागीय अधिकारियों के कारण जिम्मेदारों द्वारा उनकी राशन वितरण समस्या का अभी तक कोई समाधान नही किया गया।
प्रत्येक माह में बंटने वाले राशन में कहीं घटतौली तो कहीं फिंगर न लगने का बहाना बना कर लाभार्थियों को भगा दिया जाता है।इतना ही नहीं जब कोटेदार राशन वितरण के समय नशे में धुत होकर राशन वितरण करवाता है।मामला यहीं तक सीमित नहीं रहा इस महीने में शासन से राशन वितरित होने को आये गेहूं और चावल राशन वितरण में गेहूं चावल वितरण की जगह मात्र चावल ही राशन उपभोक्ताओं को जबरदस्ती चावल ही वितरित किये जा रहे हैं। जिसको लेकर राशन कार्ड धारकों में रोष है।
आपको बता दें कि बांगरमऊ तहसील की बहु चर्चित ब्लाक फतेहपुर84 की समसपुर अटिया कबूलपुर की सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान संचालक शिवसिंह द्वारा शराब के नशे में राशन की दुकान का संचालन किया जाता है।वहीं उपभोक्ताओं की माने तो उक्त कोटेदार द्वारा कोई न कोई बहाना बता कर महीनों राशन के लिए चक्कर लगवाना कोई आम बात नही है।वहीं शासन से मिलने वाला चावल गेहूं प्रति यूनिट पांच किलो शासन से निर्धारित है।जबकि गेहूं 2रुपये प्रति किलो व चावल 3रुपये प्रति किलो निर्धारित है।लेकिन इसमें भी घटतौली की जाती है प्रति 10किलो में 1.500 कम राशन दिया जाता है।वहीं हाल ही में फ्री दिया जाने वाले राशन को पैसो से वितरित किया गया था।कभी फिंगर मैच न होने तो कभी सर्वर न आने का बहाना बनाया जाता है तो कहीं फिंगर लगने के बाद भी फिंगर न लगना बता कर उनको वापस किया जाता है।इतना ही नही जब भी किसी राशन कार्ड धारक द्वारा इसका विरोध करता है तो दबंग कोटेदार द्वारा डरा धमका कर उसका मुंह बंद कर दिया जाता है।इस बार सितम्बर माह में दूसरी बार राशन वितरण सुरु हुआ जिसमें प्रति यूनिट 2 किलो गेंहू और 3 किलो चावल का वितरण होना था लेकिन यहाँ ऐसा कुछ भी नही हुआ।तीन रुपये की दर से प्रति यूनिट चावल का ही बृहस्पतिवार से वितरण किया जा रहा है।इसका विरोध कर रहे राशन कार्ड धारकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि घटतौली,फिंगर लगवा कर रासन न देना ,महीनों राशन के लिए चक्कर लगवाना इनका कोई नया काम नही है।इस बार गेहूं की जगह मात्र चावल ही मिला है।जब जानकारी ली तो बताया कि जो आया है वही मिलेगा।अगर इसकी शिकायत करो तो अगले महीने रासन ही नही दिया जाता है जिससे परेसान होकर अख़बार के माध्यम से सभी ग्रामीणों ने अब जिलाधिकारी महोदया से न्याय की गुहार लगाई है।
वहीं जानकारों की माने तो करीब एक साल पूर्व ग्रामीणों की कोटे से सम्बन्धित शिकायत पर तहसील से विभागीय अधिकारी जांच करने पहुंचे थे।जहां स्टाक रजिस्टर में तो स्टाक था लेकिन गोदाम में स्टाक नहीं था।जिस पर अधिकारियों नें काफी फटकार लगा सम्बन्धित कोटेदार को तहसील बुलाया।जिसके बाद अगले दिन तहसील जाने के बाद कोटेदार नें सिस्टम बना अपने घर आकर भूसा की बोरियां लगा कर फोटो खिंचा दी।इस प्रकार अधिकारियों की मिलीभगत के चलते लगातार भृष्टाचार बढता जा रहा है।ऐसा ही नहीं इस क्षेत्र में ऐसे कई कोटे दार घोटाला कर रहे हैं।
Tv भारत क्राइम रिपोर्टर सौरभ कुमार f 84