Budget 2024: शेयर मार्केट निवेश का सबसे नया विकल्प है। भारत के हिसाब से अभी बच्चा है, अभी बाजार में पैसा लगा रहे खुदरा निवेशकों मने आम लोगों में ज्यादातर पिछले 4-5 साल में बाजार में आए हैं। उससे कुछ पुराने विकल्प बैंक-पोस्ट ऑफिस वगैरह हैं। उससे पुराना सोना-चांदी है और सबसे पुराना जमीन-जायदाद, रियल-एस्टेट तब से है, जब से इंसानी सभ्यता है। ये ऐसा निवेश है, जिसमें पैसा डूबने का रिस्क लगभग न के बराबर है। इसी कारण जमाने से लोग इसको पसंद करते आए हैं और अब तो समय के साथ रियल एस्टेट काफी डेवलप हो गया है।
कल बजट में इससे जुड़े दो बदलाव किए गए। पहला लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को 20 पर्सेंट से घटाकर 12.5 पर्सेंट कर दिया गया। दूसरा इंडेक्सेशन का फायदा अब नहीं मिलेगा। इंडेक्सेशन के खेल को अच्छे से समझना जरूरी है। यह ऐसा खेल हुआ है, जिसका असर सबसे ज्यादा समाज के उस हिस्से पर पड़ेगा, जो सबसे ज्यादा मजबूर है, सबसे ज्यादा जरूरतमंद है।
संपत्ति दो तरह के लोग बेचते हैं,एक शौक से, दूसरे मजबूरी में शौक उनके लिए, जो जमीन-जायदाद में दो पैसा लगा ही इस लिए रहे हैं कि उससे चार पैसे की कमाई हो। दूसरी ओर बहुत सारे लोग हैं, जिनके सामने ऐसी स्थितियां बन जाती हैं कि उन्हें जमीन-जायदाद बेचना पड़ जाता है। सिंपल उदाहरण बेटी की शादी का ले लीजिए। मुझे लगता है दहेज वाली बीमारी कम-ज्यादा भारत के हर हिस्से में है और देश में हर जगह बेटी की शादी करने के लिए जमीन की बिक्री होती है। अगर मैं गलत रहूं तो टोक दीजिएगा। दुनिया बहुत बड़ी है, मेरी नजर छोटी।
इंडेक्सेशन यहीं पर खेल करता है।
आप जब कोई प्रॉपर्टी बेचते हैं तो उस पर इनकम टैक्स की देनदारी बनती है। इनकम टैक्स कितना होगा, इसे कैलकुलेट करने का फिक्स फॉर्मूला है. इस वाले इनकम टैक्स को कहते हैं कैपिटल गेन टैक्स कैपिटल गेन टैक्स दो तरह के हैं। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स प्रॉपर्टी के हिसाब से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स ही ज्यादा लगता है, क्योंकि प्रॉपर्टी में निवेश के हिसाब से पैसा लगाने वाला भी 2-4-5 महीने में कभी उसे नहीं बेचता है।
नाम है कैपिटल गेन टैक्स मतलब आपको जो कैपिटल गेन हुआ, उस पर टैक्स लगेगा। आप कोई प्रॉपर्टी 20 लाख की खरीदते हैं। जब उसे बेच रहे हैं, आपको भाव मिलता है 35 लाख इस केस में कैपिटल गेन हुआ 15 लाख का इसी 15 लाख के गेन पर टैक्स लगेगा। अभी तक टैक्स लग रहा था 20 पर्सेंट के हिसाब से बजट में टैक्स घटाकर 12.5 पर्सेंट कर दिए हैं।तस्वीर इतना ही देखें तो लगेगा फायदा हुआ है,लेकिन नहीं हुआ है।
आप प्रॉपर्टी खरीदे 10 साल पहले 10 साल पहले महंगाई कम थी। दस साल पहले सोने का भाव था 28 हजार अभी सोना है 70 हजार मतलब 10 साल में चीजें महंगी हुई हैं। ये स्वाभाविक चीज है। सिर्फ सोना ही नहीं, जरूरी चीजों के भाव भी बढ़े हैं। आप खुद अपनी रोज की जरूरत के सामानों का हिसाब लगा सकते हैं। तो ये जो महंगाई बढ़ी, उसने आपके निवेश पर हुए गेन पर भी असर डाला। मतलब दिख तो रहा है कि आपको गेन (फायदा) 15 लाख का हुआ, लेकिन कायदे से नहीं हुआ। महंगाई बढ़ी है, तो पैसे की वैल्यू कम हुई है। इससे दिक्कत आई कि अब गेन को कैसे तय करें,इसके लिए लाया गया इंडेक्सेशन। महंगाई की दर के हिसाब से इंडेक्सेशन का इंडेक्स बनाया जाता है और उसके हिसाब से प्राइस को एडजस्ट किया जाता है। इससे 15 लाख का गेन बहुत कम रह जाता है। उदाहरण के लिए मान लीजिए इंडेक्सेशन को एडजस्ट करने के बाद गेन 5 लाख का बचता है। पुराने केस में आपके ऊपर इस 5 लाख पर 20 पर्सेंट के हिसाब से टैक्स बनेगा 1 लाख रुपये नए केस में 15 लाख पर 12.5 पर्सेंट के हिसाब से टैक्स बनेगा 1 लाख 87 हजार रुपये का मतलब टैक्स रेट कम होने के बाद भी टैक्स का अमाउंट बढ़ गया।
जब मैंने लिखा कि यह एक तरह से विरासत टैक्स लगाना है,उसे समझिए।
जो लोग प्रॉपर्टी में निवेश करने वाले हैं, वे पैसे लगा रहे हैं और खरीद रहे हैं, फिर उसको बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं।एक तरह से प्रोफेशनल हो गया,उनके लिए खास दिक्कत की बात नहीं है, वे प्रॉपर्टी में पैसा न लगाकर दूसरे ऑप्शन देख सकते हैं। उनके मामले में शेयर-सोना आदि से तुलना करने पर टैक्स का गणित 19-20 का ही बैठेगा। दूसरी तरफ लोग हैं जो मजबूरी में फंसकर पुश्तैनी संपत्ति बेच रहे हैं। उनको भारी दिक्कत है।
मान लीजिए जमीन खरीदे आपके पिताजी, 20 साल पहले. पिताजी के बाद अब आपके पास है. आपका इरादा जमीन हटाने का बिलकुल नहीं है, लेकिन आपके सामने कोई पहाड़ जैसी समस्या आ गई है और अब आपके पास जमीन बेचने के अलावा कोई चारा नहीं है। आपको जमीन बेचकर मिले 50 लाख 20 साल पहले पिताजी ने खरीदा था 1 लाख में कैपिटल गेन हो गया 49 लाख का अब इंडेक्सेशन का फायदा आपको मिलना नहीं है। मतलब 49 लाख पर 12.5 पर्सेंट के हिसाब से टैक्स लगेगा लगभग 6.12 लाख रुपये का इंडेक्सेशन का फायदा मिलता तो मोटा-मोटी गणित से आपके ऊपर गेन गनता 18-19 लाख का 20 पर्सेंट के हिसाब से टैक्स बनता 3.5 लाख रुपये से कुछ ज्यादा।
प्रॉपर्टी आपको अपने पिताजी से मिली विरासत में उस पर अगर टैक्स वसूला जाए तो वह विरासत टैक्स हो जाता है। मैंने इंडेक्सेशन हटाने की तुलना इसी कारण विरासत टैक्स से की है। प्रॉपर्टी आपके पिताजी खरीदे अलग कीमत पर और जब आपके पास आई वैल्यू बदल चुकी थी, लेकिन अब आपको आपके पिताजी के समय में हुए गेन पर भी टैक्स भरना होगा। यह सीधे तो नहीं, लेकिन पीछे से कान पकड़ने जैसा हो गया। नाम विरासत टैक्स भले नहीं है, लेकिन काम विरासत टैक्स वाला है। प्रॉपर्टी जितनी पुरानी और पुश्तैनी होगी, उतने ही ज्यादा नुकसान में रहेंगे आप।

यह एक्सपर्ट के लिए ओपिनियन नहीं लिखे हैं. कोशिश रही कि वैसे इंसान भी बात समझ पाएं, जिन्हें टैक्स का गुणा-गणित ज्यादा मालूम नहीं है।- लेखक