बाँगरमऊ(उन्नाव)। फ्लोराइड रहित शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराए जाने के लिए फारूक अहमद एडवोकेट द्वारा दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ के न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा व न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने सरकार को दो सप्ताह में जवाबदावा/ प्रति शपथ पत्र दाखिल करने के आदेश दिए हैं।
मालूम हो कि तहसील क्षेत्र के ग्राम महोलिया, हरईपुर, ब्योली इस्लामाबाद, रोशनाबाद व भिक्खनपुर गोपालपुर आदि गांव के पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने के कारण उपरोक्त गांव में रहने वाले नागरिकों में तरह-तरह की गंभीर बीमारियां जैसे फाइलेरिया, हाथों व पैरों की विकलांगता, रीढ़ की हड्डियों का कमजोर होना, उम्र से पहले दांत पीले होकर नष्ट हो जाना जैसी गंभीर बीमारियां फैली हुई हैं। पानी में फ्लोराइड की गंभीर समस्या को देखते हुए तथा स्थानीय जनता की विशेष मांग पर तहसील क्षेत्र के ग्राम इस्माइलपुर आंबापारा निवासी उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ के वरिष्ठ अधिवक्ता तथा यश भारती सम्मान से सम्मानित प्रमुख समाजसेवी फारूक अहमद एडवोकेट ने दिनांक 20 मई 2022 को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उपरोक्त गांव के लोगों के लिए फ्लोराइड रहित शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराए जाने की मांग की थी। उसके बाद 28 मई 2022 को अपर मुख्य सचिव ग्राम विकास विभाग को भी पत्र लिखा था। ऐसी गंभीर और जानलेवा अतिसंवेदनशील समस्या के प्रति सरकार की लेटलतीफी व हीला हवाली को देखते हुए 12 दिसंबर 2022 को फारूक अहमद एडवोकेट ने एक जनहित याचिका उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ में दायर कर उपरोक्त गांव के नागरिकों को फ्लोराइड रहित शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक गांव में नई तकनीक की पानी की टंकी बनाने की मांग की थी। 18 जनवरी 2022 को फारूक अहमद एडवोकेट की उक्त जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ के न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा व न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने सरकार को दो सप्ताह में जवाब दावा/ प्रति शपथ पत्र दाखिल करने के आदेश दिए हैं, कि सरकार बताए कि इस संबंध में क्या प्रबंध किए गए हैं।
….रिपोर्ट– अरविंद तिवारी