मनोज सिंह/ जिला ब्यूरो
पीडि़त आदिवासी ने लगाई एसपी से न्याय की गुहार
टीकमगढ़। एक ओर सरकार जहां गरीब आदिवासियों की जमीनों का दबंगों के कब्जे से आजाद कराने के लिये आदेशित करती आ रही है, वहीं दूसरी ओर दबंग भू माफिया है कि आदिवासियों की जमीनों पर अपनी गिद्द दृष्टि जमाये हुये हैं। जमीनों के अवैध कब्जा करने और सरकार को चूना लगाने वालों पर शिकंजा कसने की जरूरत महसूश की जा रही है। अब देखना है कि अपनी गुहार लगा रहे आदिवासी कल्ला को न्याय कहां तक और कब तक मिल पाता है। बताया गया है कि जिले में गरीब आदिवासियों की जमीनों पर दबंगो व राजनैतिक बरदहस्त प्राप्त लोगों द्वारा जबरन कब्जा किये जाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक और मामला सामने आया है, जिसमें पीडि़त कल्ला आदिवासी ने एसपी को दिए ज्ञापन में बताया कि देहात थानांतर्गत ग्राम सुनवाहा में स्थित भूमि खसरा नंबर.121/1 की रजिस्ट्री उक्त भूमि के पूर्व भू स्वामी बुद्ध आदिवासी से रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के माध्यम से खरीदी गई थी, जिसके पश्चात ही आवेदक कल्ला आदिवासी ने अपनी उक्त भूमि का नामांतरण परिवर्तन भी कराया। तभी से उक्त जमीन पर कल्ला आदिवासी का मालिकाना कब्जा भी चला आ रहा है। बताया गया है कि 23 अक्टूबर 2022 को धन तेरस के दिन कल्ला आदिवासी अपने गाँव ग्राम डूडा चला गया था। इसी दौरान कुण्डेश्वर निवासी बृज किशोर पटैरिया अपने दो टैक्टर एवं 10.15 लोग लेकर कल्ला आदिवासी के खेत को जबरदस्ती जोतने का प्रयास करने लगे तो पीड़ित कल्ला को ग्राम सुनवाहा के व्यक्तियों ने फ ोन किया की तुम्हारी जमीन पर कोई बाहरी व्यक्ति आकर अतिक्रमण कर रहे है। तब कल्ला ने अपने सरहदी काश्तकार जीतू सेन को फ ोन लगाया और उनसे निवेदन किया कि मौका पर जाकर देखो की कौन व्यक्ति भूमि पर कब्जा कर रहे। जीतू सेन ने देखा की बृजकिशोर पटैरिया 10-15 लोगो को साथ लेकर दो ट्रेक्टर लेकर खड़े हंै। तब पीडि़त कल्ला मौके पर पहुंचा और जब बातचीत की तो पंूछने पर बृजकिशोर पटैरिया द्वारा गाली गलौज करते हुए कहा गया कि तेरी जमीन पर कब्जा कर फ सल बोना है और पीडि़त द्वारा मना करने पर पीडि़त को जमीन में जिन्दा गाडऩे की धमकी देने लगे। तब पीडि़त द्वारा पुलिस को फ ोन लगाया गया और तत्काल ही देहात थाने की पुलिस मौके पर पहुँच गई, जिसे देखकर बृज किशोर पटैरिया व उसके साथ आये लोग मौके से भाग गए। पीडि़त कल्ला ने बताया कि बृज किशोर पटेरिया ने कहा कि मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। बृज किशोर पटैरिया ने चप्पल उतारकर मेरी चप्पलों से मारपीट की और मारपीट से उनकी चप्पल टूट जाने पर लात घूसों से मारपीट की। जब पीडि़त कल्ला चिल्लाया तो पास में बने वेयर हाउस के नौकर अरबिन्द, कल्ला कुशवाहा सहित जीतू सेन दौड़े और उन्होने मुझे बचाया। पीडि़त कल्ला आदिवासी द्वारा उक्त आरोप लगाते हुए एसपी ऑफि स में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई गई। जिले में सरकारी जमीनों को हथियाने और आदिवासियों की जमीनों पर कब्जा करने का षड्यंत्र लंबे समय से चला आ रहा है। इस दिशा में प्रशासन को सख्ती से निबटने की जरूरत बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि यदि देखा जाए तो टीकमगढ़-निवाड़ी जिले में ही आदिवासियों की करोड़ों रूपये की जमीनों पर धन्नासेठों और असरदार लोगों के कब्जे बने हुये हैं। इस मामले में सरकारी कानूनी दांव पेंचों से बचने के लिये भी हथकंडे अपनाने में भूमाफिया पीछे नहीं रहे हैं।