स्वास्थ्य विभाग पर बड़े सवाल ऐसे जनपद में कितने और जांच केंद्र या अवैध हॉस्पिटल लेंगे लोगों की जान
हसनगंज बीते दिनों हो गई जांच एवं परामर्श केंद्र में प्रसूता की मौत मामले में आरसीसी प्रभारी ने मौके पर जाकर जांच केंद्र का निरीक्षण किया जहां पर कई खामियां पाई।
बिना रजिस्ट्रेशन के जांच केंद्र संचालित हो रहा था मौके पर कोई डॉक्टर भी नहीं पाया गया स्वास्थ्य विभाग पर बड़ा सवाल है कि ऐसे जनपद में कितने कवायद जांच केंद्र व अस्पताल संचालित हो रहे हैं जो लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे और स्वास्थ्य विभाग सोया हुआ है।
आसीवन थाना क्षेत्र के रसूलाबाद गांव निवासी सुनील की पत्नी रीमा की बुधवार की रात प्रसव के बाद इसी हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। जिस पर पति ने लापरवाही का आरोप संचालक पर लगाते हुए स्वास्थ विभाग के उच्च अधिकारियों को शिकायती पत्र दिया था। जिस पर सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी प्रमोद यादव ने अपनी दो सदस्यीय टीम के साथ हॉस्पिटल का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के समय मौके पर कोई भी डॉक्टर नहीं मिला। कानपुर के डॉक्टर प्रदीप गुप्ता के नाम क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन मिला। लेकिन मौके पर 8 बेड पड़े थे। फार्मेसी भी संचालित थी। डॉक्टर के पूछने पर बताया कि फार्मेसी का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है। फायर एनओसी भी नहीं थी। हॉस्पिटल चलाने के लिए कोई भी मानक पूरे नहीं थे। उसके बावजूद भी गर्भवती महिलाओं का प्रसव करता था। मौके पर एक महिला पेशेंट मिली।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक डॉ प्रमोद ने बताया कि निरीक्षण के समय मौके पर कोई भी डॉक्टर नहीं मिला है। संचालक सुशील कुमार मिला क्लीनिक के नाम रजिस्ट्रेशन है, लेकिन हॉस्पिटल संचालित कर रहा था। फार्मेसी भी खोल रखी थी फार्मेसी का कोई भी लाइसेंस नहीं था। इसके खिलाफ रिपोर्ट बनाकर जिले के उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी।
अर्जुन तिवारी ब्यूरो उन्नाव