सायला/जालोर। किसानों को लोड और शेड्यूल बताकर फसलों में पानी लगाने के लिए बिजली निगम रात में भी बिजली देती है। इसकी वजह से किसानों को सर्द रात में सिंचाई करनी पड़ रही है। ग्राम पंचायत सुराणा में बिजली की समस्या को देखते हुए राज्य सरकार ने कुछ दिन पहले ही 220 केवी ग्रिड सब स्टेशन स्थापित किया है। जिसमें आसपास के गई गांव ढाणियों में फीडर बनाकर गांव व ढाणियों को जोड़कर बिजली आपूर्ति की जाऐगी। पिछले कई दिनों से मौसम पलट गया है। सर्दी पूरे शबाब पर है। पारा 10 डिग्री से नीचे उतर चुका है। ऐसी सर्द रातों में घर से बाहर निकलना तो दूर, बिस्तर छोड़ने की भी हिम्मत नहीं होती, लेकिन किसान ठंड के बीच खेत में पानी के बीच खड़ा होकर फसल सींचता दिखाई दे रहा है।
कड़ाके की ठंड में किसानों को 3 ब्लॉक में फसल सिंचाई के लिए बिजली सप्लाई दी जा रही है। एक ब्लॉक सुबह 4 से 10 बजे तक और दूसरा दिन के समय 10 से शाम 4 बजे तक का रहता है। इसके बाद तीसरा ब्लॉक शाम 4 से रात्री 10 बजे तक चलता है। ऐसे में तीसरे ब्लॉक व सुबह में इस समय पड़ रही क्षेत्र में कड़ाके की ठंड के बीच खेतों में खड़ी फसलों के बीच खड़े रहकर किसान अलाव जलाकर या गर्म कपड़ों का सहारा लेकर किसानों को फसलों की प्यास बुझाने को मजबूर होना पड़ रहा है। किसानों को फसल सिंचाई के लिए थ्री फेस उपलब्ध करवाने की 7-7 दिन की व्यवस्था रहती है। जिसके बाद हर 7 दिन में ब्लॉक के क्षेत्र का थ्री फेस बिजली सप्लाई का समय बदला जाता है। इसके चलते किसानों को रात में ठंड के बावजूद मजबूरन खेतों की सिंचाई करनी पड़ रही है।
कई ब्लॉक में दिन भी मिलती है बिजली
जिले में कई स्थानों पर स्थित फीडरों पर लोड कम होने के कारण किसानों को दिन में ही बिजली दी जा रही है। बिजली ग्रिड स्टेशन 33/11 केवी गंगावा खेड़ा पर दो फीडर के लिए 6-6 घंटे शेड्यूल के अनुसार दिन में ही एक ब्लॉक में सुबह 7 से 1 बजे तक व दूसरा ब्लॉक दिन में 1 से 7 बजे तक बिजली सप्लाई की जा रही है। किसानों को फसल सिंचाई के लिए थ्री फेस उपलब्ध करवाने की 7-7 दिन की व्यवस्था रहती है। जिसके बाद हर 7 दिन में ब्लॉक के क्षेत्र का थ्री फेस बिजली सप्लाई का समय बदला जाता है।
हृदयाघात की आशंका
डॉक्टरों की माने तो कड़ाके की सर्दी से व्यक्ति के शरीर में धमनियां संकुचित हो जाती हैं। इससे ब्लड की कमी आने से हृदयाघात की आशंका बढ़ जाती है। ब्रेन पर असर से लकवे की शिकायत हो सकती है। बीपी बढ़ जाता है। हाथ, पैरों में भी पैरिफ्रल गैंगरीन की आशंका रहती है।
फीडर ज्यादा होने से लोड अधिक हो रहा
अधिकारियों की माने तो सरकार के आदेशानुसार सिंचाई के लिए ब्लॉक निर्धारित कर रखे हैं। उसके हिसाब से दिन व रात को किसानों को बिजली दी जा रही है। जहां लोड कम है वहा दिन में चल रहे हैं। जहां फीडर ज्यादा होने से लोड अधिक है वहां पर रात में मिल रही है।