जिला ब्यूरो/मनोज सिंह
टीकमगढ़ नगर पालिका इस समय शहर के विकास के लिए काम नहीं कर रही । इस समय अखाड़े की तरह नगर पालिका का उपयोग हो रहा है । जिसमें भाजपा – कांग्रेस के पार्षद , अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार मलिक और सीएमओ रीता कैलासिया के बीच चल रहा दंगल थमता दिखाई नहीं दे रहा है । इसका खामियाजा शहर के लोगों को भुगतना पड़ रहा है । जब से नई परिषद गठित हुई है , तब से आए दिन नगर पालिका का विवाद कलेक्टर तक पहुंचता है । ऐसे में स्थितियां सुधरने की बजाय और बिगड़ती जा रही हैं । इसी दंगल की वजह से टीकमगढ़ नगर पालिका क्षेत्र में करीब 60 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्य रुक गए हैं । जिसमें सबसे बड़ी अमृत 2.0 परियोजना का प्रस्ताव परिषद से पास न होने के चलते मामला अधर में लटक गया है , क्योंकि अमृत 2.0 योजना को परिषद ने बरीघाट सेलिंक न करते हुए बान सुजारा बांध से जोड़ने की बात कही थी , जो संभव नहीं हो पा रहा है । जबकि बल्देवगढ़ में 6 करोड़ 59 लाख और पलेरा में 2 करोड़ 26 लाख की परियोजना को स्वीकृति मिल चुकी है । विभागीय सूत्रों की मानें तो करीब 45 किमी दूर बानसुजारा बांध से टीकमगढ़ शहर तक पानी लाना संभव नहीं है । गौरतलब है कि 20 अक्टूबर को सीएमओ रीता कैलासिया के छुट्टी से लौटते ही उन्होंने 21 अक्टूबर को निकाय के सभी वाहन रजिस्ट्रेशन और बीमा होने के बाद ही संचालित करने का आदेश जारी कर दिया । जिसके चलते दीपावली पर कचरा वाहन सहित पानी के टैंकर और कचरा ट्रॉलियों के पहिए थम गए हैं , क्योंकि इन वाहनों का पिछले कई सालों से न तो बीमा हुआ और न ही अब तक रजिस्ट्रेशन हो पाया । ऐसे में दीपावली के एक दिन पहले सफाई व्यवस्थाएं चरमरा गई । रविवार को शहर की प्रमुख सड़कों और वार्डों में जगह – जगह कचरे के ढेर नजर आए । इसी मुद्दे को लेकर भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों ने कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी के बंगले पर पहुंचकर अलग – अलग मुलाकात की । पहले भाजपा पार्षदों ने नपा अध्यक्ष और सीएमओ पर व्यवस्थाएं बिगाड़ने के आरोप लगाए तो , कांग्रेस पार्षदों ने सीएमओ के रवैये को लेकर कलेक्टर व एएसपी के पास शिकायत दर्ज कराई ।
*विधायक बोले- मैंने विकास कार्य स्वीकृत कराए*
अध्यक्ष ने रोके विधायक राकेश गिरी के अनुसार उन्होंने टीकमगढ़ शहर को मिलने वाले पेयजल की व्यवस्था बेहतर हो , इसके लिए 33 करोड़ की योजना स्वीकृत कराई थी । जिसका प्रस्ताव अब तक नहीं बन पाया । इसी तरह अन्य निर्माण कार्यों पर भी नगर पालिका अध्यक्ष ने रोक लगा दी है । जिससे विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं ।
*शहर विकास के यह निर्माण कार्य रुके*
33.09 करोड़ की नल – जल योजना का प्रस्ताव ही नहीं बन पाया । • नगर पालिका के पीछे 8 करोड़ के ऑडिटोरियम का काम शुरू नहीं । शहरी क्षेत्र में 1 करोड़ की लागत से बनने वाली गौशाला नहीं बन सकी । • झिरकी बगिया से होते हुए इंद्रपुरी और चीप स्टोर के पास से निकलने वाला नाला 4.5 करोड़ से पक्का किया जाना था । ढोंगा के पास 2 करोड़ की लागत से खेल मैदान का निर्माण । पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए 4.5 का प्रस्ताव अधर में । पुलिस लाइन के पास 60 लाख से बन रहे पार्क का निर्माण बीच में रुका ।रोड लाइट , नाली निर्माण और विद्युत कार्य रुके ।25-25 लाख की लागत से बनने वाले मोहल्ला क्लीनिक नहीं बन पा रहे ।
*डीजल पर भी लगाया प्रतिबंध*
कांग्रेस के पार्षदों ने सीएमओ कैलासिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि रविवार को कचरा वाहनों में डीजल नहीं डाला गया । सीएमओ ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया । उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से वाहनों का बीमा और रजिस्ट्रेशन नहीं है , लेकिन दिवाली जैसे पर्व पर इस तरह का आदेश निकालना गलत है । इससे साफ जाहिर होता है कि सीएमओ जानबूझकर शहर की व्यवस्थाएं बिगाड़ना चाहती हैं । जिसके बाद कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी ने शहर की साफ – सफाई के लिए तत्काल सीएमओ कैलासिया को निर्देशित किया ।
*अमृत 2.0 योजना क्यों पास नहीं हुई अध्यक्ष बेहतर बता सकते हैं*
बल्देवगढ़ व पलेरा की पेजयल योजना स्वीकृत हो चुकी है लेकिन टीकमगढ़ की पेयजल योजना अब तक क्यों स्वीकृत नहीं हो पाई है । इस संबंध में नगर पालिका अध्यक्ष और उनकी परिषद बेहतर तरीके से बता सकती है ।
एलएल तिवारी ,
कार्यपालन यंत्री ,
नगरीय प्रशासन विभाग , सागर संभाग –