उन्नाव। जनपद की सफीपुर व बांगरमऊ तहसील में जगत गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल महाराज का पवित्र ग्रंथ भगवत गीता, बाईबल, कुरान शरीफ, वेद, शिवपुराण, गरुण पुराण, श्रीमद भागवत आदि से प्रमाणित सत्संग प्रवचन का आयोजन हुआ। जिसमें जगत गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल ने बताया कि मानव एक पूर्ण परमात्मा को भूलकर देवी, देवता, भूत- प्रेत पित्तर, पेड़ पानी, पत्थर को पूज रहे हैं, जिससे मनुष्य को ना तो उनको कोई सुख होगा न कोई सिद्धि होगी ना तो परम गति हो सकती है।
गीता के अध्याय 15 श्लोक 3 में बताया गया है कि इस रचना का न शुरुआत तथा अंत है न वैसा स्वरूप पाया जाता है तथा यहां विचार काल में अर्थात् मेरे द्वारा दिया जा रहा गीता ज्ञान में पूर्ण जानकारी मुझे भी नहीं है क्योंकी इस अच्छी तरह स्थाई स्थिति वाला मजबूत स्वरूप वाले निर्लेप तत्व ज्ञान रूपी दृढ़ शस्त्र से अर्थात निर्मल तत्व ज्ञान के द्वारा काटकर अर्थात निरंजन की भक्ति को क्षणिक जानकर आगे भगवत गीता के अध्याय 15 श्लोक 4 मे लिखा है कि उसके बाद उस परमपद परमात्मा की खोज करनी चाहिए। जिसको प्राप्त हुए मनुष्य फ़िर लौटकर संसार में नहीं आते और जिससे अनादिकाल से चली आने वाली यह सृष्टि विस्तार को प्राप्त हुई है, उस आदि पुरूष परमात्मा के ही मैं शरण हूं। वेद, पुराण, बाइबल, गरुण पुराण, शिव पुराण, गुरु ग्रंथ साहिब पूर्ण परमात्मा की भक्ति करने को बताया गया है।
सत्संग में जिला सेवादार गुड्डू दास, सोशल मीडिया जिला सेवादार निखिल दास, तहसील सेवादार प्यारेलाल सफीपुर, प्यारेलाल बांगरमऊ, शिव प्रकाश दास, ब्लॉक सेवादार बिहार लाल दास, व सतलोक आश्रम ड्राइवर सेवादार मानसिंह दास व अन्य विभिन्न जगह से आए हुए अनुयाई उपस्थित रहें।