लखनऊ।
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल महाराज के प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को होने वाले सत्संग में आज वृदावत पैलेस, सो एम एस डिग्री कालेज. “कानपुर रोड पर सत्संग सम्पन्न हुआ। गुरु जी ने बताया है कि ‘जीत हमारी जाति है मानव धर्म हमारा, हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई धर्म नहीं कोई न्यारा। सभी धर्मो के मूल में एक ही परमात्मा विद्यमान है? इस बात में आकर अलग-अलग ढंग से लोग परमात्मा की – खोज में लगे रहते हैं परन्तु उस पूर्ण परमात्मा को वे जान नहीं पाते। वह पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब है। कबीर साहेब पूर्ण परमात्मा को सभी धार्मिक ग्रंथो में जानकारी दी गयी है परन्तु यह “ज्ञान”हम सभी जीवों तक नहीं पहुंच सका। उस छुपे हुए ज्ञान को प्रकाशित करके जन-जन तक पहुंचाने के लिए सद्गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज अपने प्रवचन मे बताते है व समझाते हैं। परमात्मा कबीर साहेब जी के परम शिष्य संत धर्मदास को परमात्मा कबीर जी ने अपने शास्वत लोक सतधाम को दिखाकर जब पृथ्वी छोड़ा था तब धर्म दास जी ने परमात्मा को कहा प्रभु मै सब धर्म शास्त्र झूठे है। तब कबीर परमेश्वर के धर्मदास जी से कहा कि ‘वेद कतेब झूठे नहीं भाई, झूठे है जो “जानत नहीं’। संत रामपाल जी स्वयं परमात्माक कबीर जी के अवतार है जो अब इस कलयुग में यह अनमोल ज्ञान गंगा , जीने की राह पुस्तकों के माध्यम से जन-जन तक पहुंचा रहे है। इसके अतिरिक्त साधना चैनल पर शाम 7:30pm बजे सत्गुरु देव जी का सतसंग नित्य प्रति प्रसारित होता है।
संत रामपाल के आध्यात्मिक ज्ञान जो जन्म-मृत्यु को समाप्त करता है।
मोक्ष देने के साथ ही समाज में फैली बुराइयों को भी दूर कर रहे हैं। जैसे नशा मुक्ति, जाति पाति को समाज से हटाना। युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना। समाज से दहेज रूपी कुरीति को जड़ से समाप्त करना तथा सामाजिक बुराइयों को समाप्त करके स्वच्छ समाज तैयार करना।
इस अवसर पर मंडल ऑर्डिनेटर रामनारायण दास ने बताया कि सत्गुरु देव का सत्संग सुनकर पवित्र 7 आत्माओं ने परमात्मा की शरण ग्रहण कर नाम दीशा प्राप्त की। सत्संग के उपरान्त भक्तों ने चाय-पानी भी किया।
….. रिपोर्ट– रामनारायण दास