रेल मंत्रालय के नए आदेशों के बाद अब मंडल स्तर पर ही अधिकारी कार्यों को करवा सकेंगे।
इतना ही नहीं रेल मंत्रालय ने किन-किन कार्यों को डीआरएम कार्य को करवा सकेंगे
इसका भी कार्य व राशि का जिक्र किया है।
रेल मंत्रालय ने देश भर के सभी मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) की शक्तियों में इजाफा कर दिया है, जिसके चलते ढाई कराेड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट मंडल स्तर पर ही हो सकेंगे। ऐसे में जहां, रेल प्रोजेक्टों को गति मिलेगी, वहीं यात्रियों की संरक्षा और सुविधाओं से जुड़े कार्य भी तेजी से हो पाएंगे। इन आदेशों से पहले मंडल स्तर पर डीआरएम को फाइल को हरी झंडी देकर मुख्यालय भेजनी होती थी, जिसके बाद वहां से कोई आपत्ति लगने या फिर हरी झंडी मिलने के बाद ही आगे कार्य शुरू होता था। ऐसे में कई बार काफी समय बीत जाता था, जिसका सीधा असर प्रोजेक्टों पर पड़ता है और टेंडर भी देरी हो जाती है।
टेंडर लेट होने के कारण प्रोजेक्ट कास्ट भी बढ़ जाती थी। उत्तर रेलवे के अंबाला, दिल्ली, मुरादाबाद, लखनऊ और फिरोजपुर मंडल के अधिकारियों को फाइल नई दिल्ली बड़ौदा हाउस भेजनी होती थी, जबकि अन्य मंडल के अधिकारियों को अपने-अपने जोन के महाप्रबंधक को फाइल भेजनी पड़ती थी। अब रेल मंत्रालय के नए आदेशों के बाद अब मंडल स्तर पर ही अधिकारी कार्यों को करवा सकेंगे। इतना ही नहीं रेल मंत्रालय ने किन-किन कार्यों को डीआरएम कार्य को करवा सकेंगे, इसका भी कार्य व राशि का जिक्र किया है।
संरक्षा से जुड़े मामलों पर रेल मंत्रालय गंभीर
रेल मंत्रालय ने डीआरएम की शक्तियों में इजाफा करके यह भी संदेश दिया है कि किसी भी तरह के हादसों को रोकने के लिए गंभीर है। यही कारण है कि संरक्षा से जुड़े जितने भी मामले हैं, उन्हें मंडल स्तर पर ही जिम्मेदारी तय की जाएगी, क्योंकि संरक्षा से जुड़े जो भी कार्य हैं, उसके लिए बहानेबाजी नहीं चलेगी कि फाइल मुख्यालय भेजी गई है। सभी विभागों के एचओडी डीआरएम हैं, जिनको काम को अपने स्तर पर गति दिलानी होगी।
यह कार्य करवा सकेंगे डीआरएम
नई गाइडलाइन के अनुसार नौ तरह के कार्य डीआरएम अपने स्तर पर ही करवा सकेंगे। इसके तहत रेल यार्ड में रीमाडलिंग व अन्य कार्य डेढ़ करोड़ रुपये तक के करवाए जा सकते हैं। इसी तरह लेवल क्रासिंग पर रोड सेफ्टी के लिए ढाई करोड़ रुपये, रेल ओवर ब्रिज व रेल अंडर ब्रिज रोड सेफ्टी के लिए एक करोड़ रुपये, सिग्नल व टेलीक्यूनिकेशन कार्यों के लिए ढाई करोड़ रुपये, टीआरडी कार्य इलेक्ट्रिक वर्क्स के लिए ढाई करोड़, वर्कशाप (प्रोडक्शन यूनिट सहित) के लिए ढाई करोड़ रुपये, स्टाफ वेलफेयर के लिए ढाई करोड़ रुपये, यात्री सुविधाओं के लिए ढाई करोड़ रुपये तक के कार्य मंडल स्तर पर करवाए जा सकते हैं। इसी तरह अन्य कार्यों के लिए भी ढाई करोड़ रुपये तक का बजट मंडल स्तर पर खर्च किया जा सकता है।