उन्नाव। आज जनपद के प्रमुख जन संगठनों, सामाजिक-सांस्कृतिक व शैक्षणिक संस्थाओं , धार्मिक समूहों व स्वतंत्र नागरिकों के प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी से भेंट कर प्रदेश की नई आबकारी नीति 2022-23 ‘वैयक्तिक होम बार लाइसेंस’ संबंधित आदेश पर पुनर्विचार/ समीक्षा व वापसी के लिए ज्ञापन वास्ते प्रेषण मुख्यमंत्री उ०प्र० दिया और मांग की गयी कि इसे प्रदेश की आम जनता के हक़ में निरस्त किया जाय। प्रतिनिधि मंडल में जनपद के प्रमुख संगठनों में सर्वोदय मंडल, इंसानी बिरादरी, सिटिजन फार डेमोक्रेसी, महात्मा गांधी पुस्तकालय,जन पहल,जन मुक्ति संघर्ष वाहिनी, पीयूसीएल, पीपुल्स फोरम फार डेमोक्रेसी, माध्यमिक शिक्षक संघ, राष्ट्रीय शराब बंदी संयुक्त मोर्चा, मौलाना हसरत मोहानी पुस्तकालय, भारतीय पत्रकार महासभा,शाही मस्जिद, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, गायत्री परिवार,आर्य समाज मंदिर , कोचिंग इंस्टीट्यूट्स वह विद्यालयों सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता व स्वतंत्र नागरिक शामिल थे।
यह जानना जरूरी है कि उ. प्र. सरकार व शासन द्वारा आबकारी नीति 2022-23 वैयक्तिक होम बार लाइसेंस विषयक जिस नीति आदेश को लागू किया गया है उसमें आवासीय शहरी बस्तियों के भीतर घर में भी प्रतिदिन अधिकतम 90लीटर तक शराब खुले आम अपने इष्ट मित्रों के साथ रखने उपभोग/ प्रयोग करने की छूट होगी। प्रतिनिधि मंडल का मानना था कि इस आबकारी नीति से हमारे समाज के सांस्कृतिक विकास पर प्रतिकूल असर पड़ेगा , खासकर महिलाओं के खिलाफ हिंसा व उत्पीड़न और बढ़ेगा तथा गरीबी और बीमारियों के कारण समाज का ताना-बाना भी और विद्रूप होगा।
साथ ही यह आबकारी नीति भारत के संविधान के नीति निर्देशक तत्वों के अनुच्छेद 47 का भी उल्लंघन करती है। इसलिए जनहित व देशहित में इस आबकारी नीति 2022-23 पर पुनर्विचार व समीक्षा करते हुए निरस्त करने का आदेश पारित करना जरूरी है।
उक्त ज्ञापन देने मे जन एकता मुहिम के संयोजक दिनेश प्रियमन,राष्ट्रीय शराब बन्दी मोर्चा के जिला संयोजक गिरजेश पाण्डेय, जिला बार एशोसियेशन के पूर्व अध्यक्ष सतीश शुक्ल, माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश शुक्ल ‘छुन्ना’,जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी से नसीर अहमद, सर्वोदय मंडल से मयंक आलोक,जन पहल से नरेश पाल, पी.यू.सी.यल.से आलोक अग्निहोत्री एडवोकेट,पीपुल्स फोरम फार डेमोक्रेसी से अखिलेश तिवारी,गायत्री परिवार से अशोक,इंसानी बिरादरी से संजीव श्रीवास्तव, नन्द कुमार पवन एडवोकेट, निधि त्रिवेदी एडवोकेट,काजल द्विवेदी एडवोकेट सहित कई एडवोकेट साथियों के सत्रह पृष्ठों में लगभग ६५० लोगों के हस्ताक्षरित मोबाईल नं० सहित ज्ञापन सौंपा गया।