बांगरमऊ(उन्नाव)। नगर के बैंक ऑफ इंडिया शाखा में पीड़ित द्वारा ₹100000 फिक्स करने के लिए दिया गया था मगर बैंक मैनेजर व बीमा एजेंट ने अपनी मनमर्जी से बीमा पॉलिसी कर दी जब पीड़िता को रसीद मिली तो दूसरे को दिखाई तब पता चला की फिक्स डिपाजिट नहीं किया गया बीमा पॉलिसी कर दी गई इसका विरोध पीड़िता ने बैंक जाकर किया मगर बैंक मैनेजर और एजेंट ने आजकल करते हुए अब तक कुछ भी नहीं किया, पीड़िता ने उच्च अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाही की मांग उठाई।
पीड़िता आशा पत्नी दीनदयाल निवासी व ग्राम आलमऊ सराय ने मुख्यमंत्री व उच्चाधिकारियों तथा कोतवाली में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया की मैंने ₹100000 नगद फिक्स डिपाजिट बैंक आफ इंडिया में करने के लिए दिया था मगर बैंक मैनेजर व एजेंट ने अपनी मनमर्जी के चलते बीमा पॉलिसी कर दी पीड़िता अनपढ़ है उसको किसी प्रकार का कोई भी पता नहीं चला कुछ दिन बाद जमा डिपाजिट की रसीद मिलती ही कुछ लोगों को दिखाया तो उसमें बीमा पॉलिसी लिखी हुई है तो उन लोगों ने बताया कि फिक्स डिपाजिट नहीं किया गया बीमा पॉलिसी ₹100000 की कर दी गई जिससे पीड़िता ने बैंक जाकर इसका विरोध किया तो आजकल आजकल करते हुए अब तक तक चक्कर काट रहीं है जिससे मजबूरन पीड़िता ने मुख्यमंत्री व उच्च अधिकारियों तथा थाने में प्रार्थना पत्र देकर इन दोनों लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई और फिक्स डिपाजिट का पैसा जो बीमा किया गया उसका पैसा वापस करने के लिए मुख्यमंत्री से लेकर उच्च अधिकारियों तक मांग की पीड़िता दर-दर की ठोकरें खाते घूम रही है बैंक मैनेजर व एजेंट किसी प्रकार की कोई बात नहीं कर पा रहे हैं जिससे पीड़िता लगातार परेशान हो रही है और बैंक के चक्कर काट रही है।