मनोज सिंह/जिला ब्यूरो
जिला अस्पताल में शुक्रवार को जतारा ब्लॉक का नसबंदी शिविर लगाया गया । शिविर में जतारा ब्लॉक की आशा कार्यकर्ताएं दो से तीन महिलाओं को लेकर नसबंदी कराने के लिए अस्पताल लेकर पहुंची , लेकिन इनमें कई महिलाओं को बिना ऑपरेशन कराए वापस लौटना पड़ा । शिविर में 88 महिलाओं ने ऑपरेशन के लिए पर्चे जमा किए थे लेकिन सिर्फ 30 के ही ऑपरेशन हो पाए । दरअसल जिला अस्पताल में सुबह से ही जतारा ब्लॉक की महिलाएं नसबंदी का ऑपरेशन पहुंच गई । महिलाओं ने अस्पताल से पर्चा बनवाए । इसके बाद सभी का ब्लड टेस्ट हुआ । बीपी और वजन लिया गया । बीपी नापने केदौरान दोपहर में ब्लड प्रेशर की इलेक्ट्रॉनिक मशीन के सेल वीक होने लगे । जिससे महिलाओं का ब्लड प्रेशर कुछ और ही बता रहा था । जिस पर कई महिलाओं को ब्लड प्रेशर नापने के लिए इंतजार करना पड़ा । जब ब्लड प्रेशर की इलेक्ट्रॉनिक मशीन से सेल निकालकर उलट पलटकर लगाए तो फिर बाद में कुछ महिलाओं का ब्लड प्रेशर नापा जा सका । इस दौरान दोपहर 12:30 बजे तक आशा कार्यकताएं अपने गांव की महिलाओं के पर्चे दर्ज कराती रहीं ।
*दो डॉक्टरों को करना था 70 ऑपरेशन, एक ही पहुंचती*
दोपहर तक जांच का चिलचिलाता चल रहा। इस दौरान 88 महिलाओं ने बंधुआई के लिए जाम लगाया। जिस पर डॉ. लतालक्ष्मी द्वारा 30 ऑपरेशन किए गए। जितरा बीमे डॉ . प्रशांत खरे का कहना है कि जिला अस्पताल में जहरा ब्लॉक का प्रतिबंधित कैंप लगाया गया था। वहां दो डॉक्टरों की ड्यूटी लगाने का खतरा था, जिनके 70 ऑपरेशन होने जा रहे थे, लेकिन एक डॉक्टर की अचानक दूसरी जगह जाने की सूचना मिली थी। जिससे एक ही डॉक्टर ने ऑपरेशन किया। ऐसे में बाकी महिलाओं का ऑपरेशन नहीं हो सकता। बाकी लोगों के अगले कैंप में ऑपरेशन कर दिए जाएंगे।