उन्नाव जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने किसान भाईयों को सूचित किया है कि आगामी दिनों मे पाला एवं कोहरा पडने की सम्भवाना है। जिसके कारण रबी फसलें एवं उद्यानी फसलों जैसे (टमाटर मिर्च बैंगन केला) में 80 से 90 प्रतिशत तक फसल नुकसान होने की सम्भावना रहती है। उन्होंने बताया कि किसान भाई कोहरा एवं पाला से फसल की सुरक्षा/बचाव हेतु निम्नलिखित उपाय अपनाये। जब रात को कोहरा दिखने लगे या ठंडी हवा चलने की सम्भावना हो उस समय खेत के आस-पास हवा दिशा में खेतों की मेड़ों पर रात्रि में कूड़ा-कचरा एवं घास-फूस जलाकर धुआॅॅ करना चाहिए। ताकि खेत मे धुआॅ हो जायंे एवं वातावरण मे गर्मी आ जाये, पाला गिरने की संभावना या कोहरा ज्यादा पडने लगे तब खेत में हल्की सिंचाई करनी चाहिए। सिंचाई करने से 0.5 से 2 डिग्री सेल्सियस तक तापमान बढ़ जाता है। जिसके कारण पाले एवं कोहरे से नुकसान की सम्भावना कम हो जाती है, जब पाला पड़ने की संभावना हो उन दिनों फसलों पर गंधक के 0.1 प्रतिशत घोल 1000.00 ली0 पानी प्रति हे0 की दा से मे मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। इससे पौधे में लौह तत्व एवं रसायनिक सक्रियता बढ़ जाती है, जिसके कारण पाला से फसलो का बचाव होता है, खेत की सिंचाई के लिए बनी चारों तरफ की नालियों को पानी से भर देने से भी पाले का प्रभाव फसलो पर कम होता है, पौधशाला के पौधो एवं उद्यानी/नकदी सब्जी वाली फसलो को टाट, अथवा पआल आदि से ढंक दें। इससे नुकसान कम होता है, दीर्घकालीन उपाय के रूप में फसलों को बचाने के लिये खेत की उत्तरी-पश्चिमी मेंडों पर तथा बीच-बीच मंे उचित स्थानो पर वायु अवरोधक पेड जैसे- शहतूत, शीशम, बबूल, खेजडी एवं जामुन आदि लगाये जाये जिससे फसलो का पाले एवं ठंडी हवा से बचाव किया जा सके।