बांगरमऊ, उन्नाव। नगर स्थित फायर ब्रिगेड स्टेशन मार्ग पर आयोजित शतचंडी महायज्ञ और भगवान श्री राम कथा में आज वृंदावन के विख्यात कथा वाचक मोहित कृष्ण शास्त्री ने मित्रता पर आधारित सुदामा चरित्र की पावन कथा का वर्णन किया। तबला और आधुनिक वाद्य यंत्रों से सुसज्जित श्री राम कथा श्रवण हेतु आज श्रोता भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।
भागवताचार्य श्री शास्त्री ने कथानक का क्रमबद्ध वर्णन करते हुए कहा कि सुदामा ब्राह्मण भिक्षा मांग कर निर्धनता का समय गुजारते हुए परमपिता परमात्मा का भजन करते चले आ रहे थे। तभी सुदामा की पत्नी सुशीला ने उन्हें भगवान कृष्ण की मित्रता का स्मरण कराया। सुदामा ब्राह्मण ने अपनी पत्नी के द्वारा पड़ोसी से तीन मुट्ठी तंदुल मंगाए और तंदुल लेकर पैदल ही द्वारिका पुरी जा पहुंचे। सुदामा ब्राह्मण का आगमन सुनते ही भगवान कृष्ण नंगे पर दौड़ पड़े और अपने मित्र सुदामा को गले से लगा लिया। बाद में कृष्ण ने महल ले जाकर अपने अश्रुओं से मित्र सुदामा के पग धोए। भगवान कृष्ण ने अपने परम मित्र सुदामा ब्राह्मण की दीन-हीन दशा को देखकर उन्हें धन-धान्य और महल से परिपूर्ण कर दिया। श्री शास्त्री ने रामचरितमानस का उद्धरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि “जे न मित्र दुख होहिं दुखारी, तिनहि बिलोकत पातक भारी “। श्री शास्त्री ने ज्यों ही सुमधुर संगीत के संगम से अपने खनकते स्वर में भगवान कृष्ण की भक्ति से संबंधित भजन प्रस्तुत किया “कहीं नजर ना लग जाए ” श्रोता भक्तों की करतल ध्वनि से संपूर्ण पांडाल गुंजायमान हो गया। कथा के पूर्व प्रातः कालीन बेला में वृंदावन के हरे राम शुक्ल और बैकुंठ धाम नैमिष के राष्ट्रीय धर्म प्रचारक राजेश आचार्य अग्निहोत्री दोनों यज्ञाचार्य ने वेद मंत्रोच्चार के साथ यजमान अमर सिंह यादव सपत्नीक से हवन कुंड में आहुतियां समर्पित कराई। अंत में नगर के मोहल्ला कटरा निवासी सरोज सैनी उर्फ रंगा भैया पूर्व सभासद तथा प्रमुख समाजसेवी बृजपाल सिंह चौहान ने भागवताचार्य और यज्ञाचार्यों को अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। आयोजक धर्मेंद्र सिंह, कमलेश मिश्रा, अनु अवस्थी, आयुष शुक्ला, बलराम सचिव, सिद्धू मिश्रा, अतुल शुक्ला ने सभी भक्तजनों को प्रसाद वितरित किया।
रिपोर्ट अर्जुन तिवारी