भिवानी। हरियाणा के पर्यावरण कार्यकर्ता लोकेश भिवानी ने हसदेव जंगल को बचाने की मांग को लेकर मुंडन करवाकर विरोध जताया। लोकेश भिवानी ने कहा कि हसदेव जंगल को खनन के लिए खोलने का फैसला पूरी तरह से गलत है। यह फैसला पर्यावरण और स्थानीय लोगों , आदिवासी समुदाय के साथ पूरी मानव जाति के लिए विनाशकारी होगा।
हसदेव जंगल की क्राउन डेन्सिटी 50% से भी अधिक है इसलिए यह भारत के सबसे महत्वपूर्ण वन क्षेत्रों में से एक हैं। इन जंगलों में विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों का निवास है, जिनमें तेंदुए, हाथी, बाघ, और अन्य महत्वपूर्ण प्रजातियां शामिल हैं जिसमें से 18 प्रजाति संकटग्रस्त व सुभेदय हैं। इन जंगलों का जलवायु को नियंत्रित करने, प्रदूषण रोकने और बाढ़ को रोकने में भी महत्वपूर्ण योगदान है।

हसदेव अरण्य में कोयला खनन की अनुमति से इन जंगलों को भारी नुकसान होगा। इससे वन्यजीवों का आवास नष्ट हो जाएगा और जलवायु परिवर्तन की समस्या और अधिक गंभीर हो जाएगी। इसके अलावा, खनन से लगभग 300 वर्षों से रह रहे परिवार की संस्कृति नष्ट हो जाएगी व स्थानीय लोगों के जीवन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
बता दें कि लोकेश भिवानी हरियाणा के प्रमुख पर्यावरण कार्यकर्ता है जो जलवायु परिवर्तन को लेकर देशभर की यात्राएँ कर चुके है व स्टैंड विद नेचर संगठन बनाकर हजारों लोगों को जोड़कर पर्यावरण संरक्षण की अलख जगा रहें है।
लोकेश भिवानी ने कहा कि वह हसदेव अरण्य को बचाने के लिए लगातार संघर्ष करेंगे। उन्होंने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। इसी माँग को लेकर लोकेश भिवानी में कड़कड़ाती ठंड में मुंडन करवाकर विरोध जताने के फैसला लिया ।।
बता दें कि हसदेव के जंगलों का क्षेत्रफल लगभग 1800वर्ग किलोमीटर है।
इन जंगलों में लगभग 200 से अधिक प्रजातियों के वन्यजीव पाए जाते हैं।
हसदेव के जंगलों में कई लाख लोग रहते हैं।
लोकेश भिवानी का संदेश-
लोकेश भिवानी ने कहा कि हसदेव अरण्य (जंगल) हमारी धरोहर हैं। इन जंगलों को बचाना हमारी जिम्मेदारी है। हम सभी को मिलकर इन जंगलों को बचाने के लिए संघर्ष करना चाहिए।
जंगल बचाने की इस लड़ाई में हम हरियाणा से छतीसगढ़ के लोगो की आवाज बनेंगे , जंगल बचेंगे तो जीवन बचेगा ।