जिला ब्यूरो/मनोज सिंह
युवाओं ने नीति विरूद्ध लड़े गये चुनाव पर नाराजगी जाहिर करते जताई खुशी
टीकमगढ़। जिले की खरगापुर विधानसभा से निर्वाचित विधायक राहुल सिंह लोधी के चुनाव को हाईकोर्ट ने शून्य घोषित कर उनकी विधानसभा की राह को लगभग विराम लगा दिया है। कदाचित यह जिले के पहले विधायक हैं, जिन्हें हाईकोर्ट से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। उनके समर्थकों में न्यायालय का फैसला आने के बाद से ही मायूसी छा गई, वहीं उनके विरोधी खेमें यानि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर देखी जाने लगी है। उनके प्रतिद्वंदी उम्मीदवार एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करने के साथ ही बीजेपी को आड़े हाथों लिया है। बताया गया है कि विधायक राहुल सिंह लोधी ने निर्वाचन के द्वारा कई महत्वपूर्ण जानकारियों को छुपाने का काम किया था, वहीं अधिकारियों ने भी उनकी इस खामी पर पर्दा डालने का काम कर खुद की मुश्किलों को भी बढ़ा लिया है। हाईकोर्ट से विधायक राहुल सिंह लोधी के चुनाव को गलत बताने के साथ ही जैसे ही शून्य घोषित किया गया, यहां जतारा सहित अन्य इलाकों में खुशी छा गई। देर रात तक डीजे की धुनों पर कांग्रेस कार्यकर्ता झूमते रहे। उन्होंने विधानसभा खरगापुर की कांग्रेस उम्मीदवार श्रीमती चंदारानी गौर एवं उनके परिवार के सदस्यों को बधाईयां देते हुये इस फैसले को न्याय की जीत बताया। विधानसभा खरगापुर विधायक राहुल लोधी के विरोध में आये फैसले के साथ ही क्षेत्र में खुशियां देखी जाने लगी है। यहां जिला मुख्यालय पर पत्रकारों से रूबरू होकर कांग्रेस उम्मीदवार रहीं श्रीमती चंदा सिंह-सुरेन्द्र सिंह गौर एवं उनके पुत्र दिग्विजय सिंह गौर अम्मू राजा पूर्व उपाध्यक्ष जिला पंचायत ने पत्रकारों को इस मामले की वास्तविकता से रूबरू कराया। श्रीमती गौर ने बताया कि कल 07 दिसम्बर 2022 को हाईकोर्ट से जो फैसला आया है, वह जिले की राजनीति में एक एतिहासिक फैसला है। श्रीमती गौर ने कहा कि सन् 2016 में बीजेपी के प्रत्याशी राहुल सिंह द्वारा 08 नवम्बर 2018 में जो नाम निर्देशन पत्र भरा था,उसमें उनके द्वारा फर्म में सहभागी सरकार के साथ लिखित में उल्लेख करके जमा किया था। उन्होंने बताया कि जिसमें रिटर्निंग आफ ीसर खरगापुर के द्वारा उक्त नाम निर्देशन पत्र को निरस्त नहीं किया। बताया गया है कि दिनांक 08.11.2018 को दूसरा नाम निर्देशन उसमें फ र्म से अलग होना बताया गया और कानोटेक्सन में सहभागी नहीं होने का लिखित में उल्लेख किया गया, जो नियम है और रिटेनिंग ऑफ ीसर खरगापुर द्वारा इसे अनदेखा किया गया। श्रीमती गौर ने कहा है कि प्रथम दिनांक 8 नवम्वर 2018 का नाम निर्देशन पत्र स्वीकार किया गया, जो नियम के विरुद्ध है। उसी विषय को बैंकर में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की शरण में रिट पिटीशन चुनाव याचिका के माध्यम से गई और माननीय न्यायालय द्वारा यह ऐतहासिक फैसला सुनाकर खरगापुर विधान सभा के निर्वाचन को शून्य घोषित कर दिया गया है।
हाईकोर्ट से हुये जुर्माने की नहीं की राशि-चंदा सिंह
पत्रकारों से चर्चा करते हुये पूर्व विधायक श्रीमती चंदा सिंह गौर ने बताया कि वर्ष 2013 में वह स्वयं खरगापुर विधानसभा से निर्वाचित हुई थीं और राहुल लोधी के द्वारा चुनाव याचिका लगाई गई थी, उसने भी हाई कोर्ट द्वारा 10 हजार रूपये का कास्ट आफ जुर्माना इनके विरूद्ध लगाया गया था तथा वर्ष 2018 कि उनके द्वारा दायर की गई याचिका में पुन: पांच हजार रूपये का कास्ट आफ जुर्माना लगाया गया था, जो आज तक जमा किया गया। इस प्रकार की सारी गलतियों को माननीय न्यायालय द्वारा देखा और चुनाव शून्य काने का आदेश पारित किया गया, जिसका वह सम्मान करती हूँ और आगे न्यायालय का जो भी आदेश आयेगा, उसका हृदय से सम्मान करेंगीं।
सोशल मीडिया पर न करें अभद्र भाषा का प्रयोग
यहां हुई पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष दिग्विजय सिंह अम्मू राजा ने कहा कि वह अपने सभी कार्यकर्ताओं से अपील करते हैं कि यह समय अधिक खुश होने का समय नहीं है और ना ही गम का समय है। किसी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा का प्रयोग ना करें।
फर्जी मामलों का रहा सिलसिला जारी-चंदा सिंह
श्रीमती चंदा सिंह गौर ने कहा कि इसी प्रकार का निवेदन मैनें जिले के अधिकारियों से भी किया था कि सरकारें आती-जाती रहती हैं, पद रहते हैं, नहीं रहते हैं, मगर अधिकारी-कर्मचारी शासन की नियमानुसार करें, किसी तरह का गलत कार्य ना करें। उन्होंने कहा कि खरगापुर विधान सभा में कितने निर्दोश लोगों पर फ र्जी अपराध पंजीबद्ध किये गये हैं। ग्राम पठराई में अनुजाति के एक बुजुर्ग की हत्या की गई। जिसमें कुड़ीला पुलिस द्वारा आज तक अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया और परिजन नाम जद अपराधियों को पुलिस के सामने बताते रहे, परंतु किसी ने नहीं सुना। इसी प्रकार नगर पलेरा में ऊषा लोधी नाम की महिला ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी और हजारों आवेदन पुलिस को देती रही, परंतु किसी अधिकारी ने कोई कार्यवाही नहीं की। जिस तरह इस प्रकरण में माननीय हाई कोर्ट द्वारा तत्कालीन रिर्टनिंग आफीसर खरगापुर के विरूद्ध कठोर कार्यवाही के निर्देश जारी हुये हैं, इसी प्रकार अन्य अधिकारियों के विरुद्ध भी इस प्रकार की कार्रवाईयाँ हो सकती है। इसलिये में हमेशा सभी से यह निवेदन करती रहती हूँ कि गलत काम कोई भी अधिकारी ना करे, जिससे उसे स्वयं जोखिम उठाना पड़े।
पत्रकारों से सवालों का दिया जवाब
पूर्व विधायक चंदा रानी गौर एवं जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष दिग्विजय सिंह गौर ने हाईकोर्ट के फैसले के बारे में विस्तार से जानकारी देने के साथ ही पत्रकारों द्वारा पूंछे गये सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को राहुल गांधी द्वारा की गई पद यात्रा का अच्छा खासा लाभ मिला है। इसके साथ ही बीजेपी नेताओं की मनमानी और तानाशाही से देश की जनता अब त्रस्त हो चुकी है। जनता ने बदलाव का मन बना लिया है। हाल ही में हुये गुजरात चुनाव की तरह की आने वाले समय में मध्य प्रदेश में भी बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ेगा। मंहगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों का बीजेपी के पास कोई जवाब नहीं है। उन्होंने कहा कि टीकमगढ़, छतरपुर एवं निवाड़ी सहित बुंदेलखंड के अधिकांश इलाकों में बीजेपी का सूपड़ा साफ होना तय है। अंत में अम्मू राजा ने उपस्थित सभी पत्रकारों से अन्याय के खिलाफ कांग्रेस की लड़ाई में सहयोग की करने की अपील करने के साथ ही आभार व्यक्त किया।