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मनोज सिंह/जिला ब्यूरो
टीकमगढ़। मर्ज बढ़ता ही गया, ज्यौ ज्यौ दवा की…। यह लोकोक्ति आज उस समय चरितार्थ होती नजर आई, जब शहर की यातायाता व्यवस्था को सुधारने का भरोसा देने वाले प्रशासन और यातायात मुहकमें ने सडक़ों को बंद करने का कदम उठा डाला। आश्चर्य की बात तो यह है कि इस कार्य के पहले किसी प्रकार की न तो सूचना दी गई और न ही अतिक्रमण हटाकर संकीर्ण मार्गों को चौड़ा ही किया गया। प्रशासन के इस कदम ने आम राहगीरों की परेशानियों को इस कदर बढ़ा दिया है कि अब लोगों का शहर में रहना ही मुश्किल होता नजर आने लगा है। राहगीरों ने इस निर्णय को जल्दी में लिया गया जनविरोधी फैसला बताया है। उन्होंने प्रशासन से इस दिशा में पुन: विचार करने की जरूरत बताई है। शहर के मुख्य मार्गों पर अचानक लोहे के गाटर एवं एंगिल लगा दिये जाने के बाद अधिकांश सडक़े जाम हो गई हैं। यातायात व्यवस्था ने अचानक दम तोड़ दिया है। एक ओर पहले से ही संकीर्ण सडक़ों एवं दुकानदारों के अतिक्रमण ने राहगीरों का निकलना मुश्किल कर दिया था, उस पर बिना सोचे समझे उठाये गये कदमों ने लोगों की नाराजगी को भी बढ़ा दिया है। सडक़ों पर बड़े वाहनों के निकलने पर रोक सी लग गई हैं। स्कूली बसों के निकलने से लेकर अन्य बड़े वाहनों का शहर में प्रवेश पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। यहां यातायात पुलिस की असफलता और प्रशासन की उदासीनता का खामियाजा अब आम लोगों को भुगतना पड़ सकता है। कहा जा रहा है कि यदि चुनाव के दौरान या अन्य आपात स्थिति में बसों या ट्रकों को शहर में लाना पड़ा, तो प्रशासन क्या करेगा। इसमें कितना समय बर्बाद होगा और कितना पैसा। इसका जवाब भी अब तक नहीं मिल सका है। अचानक सडक़ों पर एंगिल लग जाने से स्कूली बसों के निकलने का मार्ग भी अवरूद्ध हो गया है। अब बच्चों को प्रतिदिन अपने घरों तक पहुंचने के लिये पैदल जाना पड़ेगा। शहर का मुख्य ललितपुर मार्ग, झांसी मार्ग व अन्य मार्गों को बंद कर दिया गया है। यहां अधिकांश स्कूली बसों को तालदरवाजा जाने के लिये अब स्टेट बैंक होकर गुजरना पड़ रहा है। इसके साथ ही वापसी में भी इसी मार्ग से निकलना पड़ेगा। स्टेट बैंक चौराहा, पपौरा चौराहा सहित घंटा घर मार्ग पहले से ही संकीर्ण हालत में हैं। यहां बढ़ी संख्या में टैक्सियां खड़ी रहती है। दुकानदारों के अतिक्रमण को नहीं हटवाया गया और न ही यहां गांधी चौराहे पर बने फुटपाथ को ही दुकानदारों के कब्जे से मुक्त कराया गया है। अपनी खामियों की गाज आम राहगीरों पर पटकना कहां तक सही है, यह सवाल आम लोगों द्वारा किया जाने लगा है।
जाम में घंटों फंसे रहे मासूम स्कूली बच्चे
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि शहर के चारों तरफ रास्ते को बंद करने में उन्हेें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इससे पहले गांधी चौराहा से लेकर सैल सागर होते हुये सिविल लाइन तक के मार्ग का चौड़ीकरण कराया जाये तथा दुकानों के बाहर रखे बोर्डों तथा वाहनों को हटवाया जाए। अतिक्रमण मुक्त शहर होने से पपौरा चौराहे से स्टेट बैंक तक दो भारी वाहनों के निकलने की व्यवस्था होनी चाहिये। नहीं तो इसी तरह घंटों जाम लगा रहेगा। स्कूली बच्चों को घर पहुंचने में रोज ही घंटे दो घंटे अधिक समय लगेगा। बताया गया है कि प्राईमरी कक्षाओं के बच्चों के आज समय से नहीं पहुंचने के कारण उनके अभिभावकों के फोन की घंटिया टनटनाती रहीं। बच्चों को जहां भूखा प्यासा रहना पड़ा, वहीं जाम में बच्चों के फंसे रहने से बच्चों के साथ ही उनके अभिभावकों की चिंता बनी रही। अब देखना है कि यह हालात रोज ही बनेंगे, या प्रशासन इस दिशा में सुधार के लिये कोई ठोस कदम उठाने वाला है।
महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्रीमती जायसवाल ने दिखाई दिलेरी
सडक़ों पर लगे जाम के दौरान महिला कांगे्रस की जिलाध्यक्ष पूनम जायसवाल ने इसी दौरान अपने सहयोगी कार्यकर्ताओं में देवेन्द्र भास्कर एवं राजेश साहू के साथ मिलकर यातायात को खुलवाने का जी तोड़ प्रयास किया। लंबी मशक्कत के बाद आखिर वह जाम खोल पाने में कामयाब हुई। श्रीमती जायसवाल ने बताया कि वह हटा में आयोजित एक पार्टी कार्यक्रम में शामिल होने के लिये जा रही थीं, कि अचानक नजर आये इन हालातों को सुधारने का प्रयास करने लगी। उन्होंने बताया कि आम लोगों को गाइड लाइन का पालन करना चाहिये। इसके साथ ही नगर पालिका एवं यातायात विभाग की एक संयुक्त बैठक बुलाकर उसमें शहर की व्यवस्थाओं को सुधारने के प्रयास किये जाने चाहिये।
जाम में घंटों फंसे रहे मासूम स्कूली बच्चे
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि शहर के चारों तरफ रास्ते को बंद करने में उन्हेें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इससे पहले गांधी चौराहा से लेकर सैल सागर होते हुये सिविल लाइन तक के मार्ग का चौड़ीकरण कराया जाये तथा दुकानों के बाहर रखे बोर्डों तथा वाहनों को हटवाया जाए। अतिक्रमण मुक्त शहर होने से पपौरा चौराहे से स्टेट बैंक तक दो भारी वाहनों के निकलने की व्यवस्था होनी चाहिये। नहीं तो इसी तरह घंटों जाम लगा रहेगा। स्कूली बच्चों को घर पहुंचने में रोज ही घंटे दो घंटे अधिक समय लगेगा। बताया गया है कि प्राईमरी कक्षाओं के बच्चों के आज समय से नहीं पहुंचने के कारण उनके अभिभावकों के फोन की घंटिया टनटनाती रहीं। बच्चों को जहां भूखा प्यासा रहना पड़ा, वहीं जाम में बच्चों के फंसे रहने से बच्चों के साथ ही उनके अभिभावकों की चिंता बनी रही। अब देखना है कि यह हालात रोज ही बनेंगे, या प्रशासन इस दिशा में सुधार के लिये कोई ठोस कदम उठाने वाला है।
महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्रीमती जायसवाल ने दिखाई दिलेरी
सडक़ों पर लगे जाम के दौरान महिला कांगे्रस की जिलाध्यक्ष पूनम जायसवाल ने इसी दौरान अपने सहयोगी कार्यकर्ताओं में देवेन्द्र भास्कर एवं राजेश साहू के साथ मिलकर यातायात को खुलवाने का जी तोड़ प्रयास किया। लंबी मशक्कत के बाद आखिर वह जाम खोल पाने में कामयाब हुई। श्रीमती जायसवाल ने बताया कि वह हटा में आयोजित एक पार्टी कार्यक्रम में शामिल होने के लिये जा रही थीं, कि अचानक नजर आये इन हालातों को सुधारने का प्रयास करने लगी। उन्होंने बताया कि आम लोगों को गाइड लाइन का पालन करना चाहिये। इसके साथ ही नगर पालिका एवं यातायात विभाग की एक संयुक्त बैठक बुलाकर उसमें शहर की व्यवस्थाओं को सुधारने के प्रयास किये जाने चाहिये।