लगातार छठे दिन एक्यूआई 300 के पार
कानपुर का बढ़ता प्रदूषण अब डराने लगा है, सड़कों के गड्ढे से उड़ती धूल, वाहनों से निकलता धुआं और धुंध का मिश्रण लोगों की सेहत खराब कर रहा है। एक तरफ जहां सांस के रोगियों की परेशानी बढ़ गई है वहीं यह प्रदूषण स्वस्थ लोगों को खांसी innaजुकाम दे रहा है। लगातार छह दिनों से शहर का एक्यूआई 300 के पार चल रहा है, जो सेहत के लिए काफी खतरनाक है। शुक्रवार के प्रदूषण का स्तर 358 एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) रहा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आने वाले शहरों को छोड़ दें, तो शुक्रवार को कानपुर यूपी का सबसे प्रदूषित शहर बन गया।
दिल्ली की तरह शहर भी गैस चैंबर बनता जा रहा है। कानपुर से ज्यादा एक्यूआई यूपी के ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद ओर नोएडा में दर्ज किया गया, जो कि दिल्ली से सटे हुए हैं। दिल्ली का एक्यूआई सर्वाधिक 447 शुक्रवार को दर्ज किया गया। दिल्ली की तरह यहां भी लोग अब मास्क लगाकर चलने लगे हैं।
वहीं, कानपुर के बाद मुजफ्फरनगर का एक्यूआई 342 रहा। मेरठ, लखनऊ, समेत अन्य सभी शहरों में एक्यूआई 300 से कम ही दर्ज किया गया। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भले ही वायु प्रदूषण करने वाले उद्योगों पर कार्रवाई कर कुछ कदम उठाए हैं।
इसके बावजूद शहर में धूलमुक्त वातावरण के लिए जिम्मेदार नगर निगम अभी भी सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करने में जुटा है। नगर निगम और पीडब्लयूडी उखड़ी सड़कें बना ही नहीं रहा है। यही कारण है कि शहर के विभिन्न हिस्सों में सड़कों व चौराहों के आसपास मिट्टी व धूल जमा है। जाम में सांस लेने भी दूभर होता जा रहा है।
500 तक पहुंच रहा एक्यूआई
पिछले 24 घंटे के प्रदूषण का औसत देखें तो एक्यूआई 358 दर्ज किया गया है, लेकिन कुछ समय के लिए यह 500 तक भी पहुंचा था। सीपीसीबी के अनुसार शुक्रवार को नेहरूनगर में एक्यूआई 452 दर्ज किया गया जो कि बेहद गंभीर श्रेणी में आता है। इस स्तर के एक्यूआई के ज्यादा समय तक बने रहने पर सांस लेने में परेशानी झेल रहे लोगों के अलावा स्वस्थ लोगों पर भी असर डालता है। वहीं, कल्याणपुर में 352 जबकि किदवईनगर में एक्यूआई 298 रहा।
कहां कितना है एक्यूआई लेवल
शहर एक्यूआई
दिल्ली 447
ग्रेटर नोएडा 425
गाजियाबाद 411
नोएडा 406
कानपुर 358