जिला ब्यूरो/मनोज सिंह
देहात थाने में धारा 420 , 406 व 409 के तहत मामला दर्ज
टीकमगढ़। डुमरऊ मोटा स्थित वैशाली रेसीडेंसी में हुए घोटाले को अतिरिक्त मजिस्ट्रेट लेकर मुख्य ने न्यायिक कॉलोनाइजर पर मामला दर्ज करने के आदेश दिए थे । जिसके बाद शनिवार रात 11 बजे देहात थाना प्रभारी प्रीति भार्गव ने वैशाली रेसीडेंसी के ऑनर विकास मोदी और अरविंद जैन के खिलाफ धारा 420 , 406 व 409 के तहत मामला दर्ज किया । गौरतलब है कि सुनील ताम्रकार निवासी गोल क्वार्टर टीकमगढ़ ने वैशाली रेसीडेंसी के ऑनर विकास मोदी निवासी मजदूर चौराहा बुंदेलखंड फर्नीचर के पास टीकमगढ़ और अरविंद जैन निवासी गोपालगंज सागर के खिलाफ कोर्ट में परिवाद प्रस्तुत किया था । जिसमें ताम्रकार ने उल्लेख किया था वह फर्म मेसर्स वैशाली बिल्डर्स टीकमगढ़ में भागीदार हैं । उनके साथ फर्म में करीब 18 भागीदार हैं , लेकिन विकास मोदी और अरविंद जैन ने सांठ – गांठ करके फर्म के ठेकेदारों के साथ धोखाधड़ी की । उन्होंने बताया कि फर्म के द्वारा कुल 15.58 एकड़ भूमि स्थित ग्राम डुमरऊ मोटा में क्रय की थी । वहीं 2012 से 2015 तक वैशाली बिल्डर्स
एवं डेवलपर्स ने करीब 7 एकड़ जमीन खरीदी । कॉलोनी का काम शुरू होते ही फर्म से संबंधित खाता पंजाब नेशनल बैंक में खोला गया जिसमें विकास मोदी अरविंद और धोखाधड़ी जैन ने करते हुए 15 जुलाई अलग – अलग हिस्सों में 18 लाख रुपए निकाले । इसी रुपए से आरोपियों ने यासीन अली की जमीन मेसर्स वैशाली बिल्डर्स सागर के नाम से खरीदी । जिसकी जानकारी फर्म के सदस्यों को नहीं दी गई । दोनों आरोपियों ने एक साल के अंदर 1 करोड़ 74 लाख रुपए की राशि सेल्फ अलग – अलग ट्रांजेक्शन निकाली ।
लोगों से 40-40 हजार लिए लेकिन सुविधाएं नहीं दीं
कॉलोनाइजर ने प्लाट खरीदने वाले 127 लोगों से सुख – सुविधाएं देने के नाम पर 40-40 हजार रुपए लिए । जिसका हिसाब किताब विकास मोदी और अरविंद जैन ने फर्म के सदस्यों को दिया और न ही बैंक खाते में यह राशि जमा की गई । इस राशि को लेकर प्लॉट खरीदने वालों ने कलेक्टर से शिकायत भी दर्ज करवाई थी कि कॉलोनी में कोई सुविधाएं नहीं दी जा रही है , जबकि 40-40 हजार रुपए लिए गए । फर्म के सदस्य सुनील ताम्रकार के अनुसार दोनों आरोपियों ने करीब 4 करोड़ से अधिक की हेराफेरी की थी । इसके बाद ताम्रकार ने 20 फरवरी 2018 में बैंक पहुंचकर खातों को होल्ड करवाया जो आज दिनांक तक हैं । सुनील ताम्रकार की शिकायत के बाद अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एएस भूरिया ने अमानत में ख्यानत कर धोखाधड़ी करना पाया । इसके बाद देहात थाना को आवेदन पर प्रथम सूचना रिपोर्ट कर जांच करने के निर्देश दिए थे ।