सफीपुर (उन्नाव) . हजरत शाह ख़लील अहमद ख़ादमी सफ़वी निजामी चिश्ती ( रह० अलैह) तीन दिवसीय के सालाना 104 वें कुल शरीफ की रस्म अदा की गई. इसके साथ ही अनौपचारिक रूप से उर्स का समापन किया गया. जहां कुल की रस्म के साथ महफिल का आयोजन किया गया. बड़ी तादाद में अकीदतमंदों ने कुल शरीफ में शिरकत कर शाह जी केे वसीलेे से दुआएं मांगीं। दरगाह से दूसरों की भलाई और बेहतरी करने का पैगाम देने के साथ ही मुल्क में अमन भाईचारा और तरक्की के लिए दुआ की गई। सज्जादानशीन शाह वकील अहमद खलीली उर्फ पुतुल मियां ने दुआ की अहमियत बताते हुए कहा कि नबियों और वलियों के वसीले से दुआ करने से हर मुश्किल आसान होती है। सड़कों से लेकर दरगाह के आसपास के मोहल्लों की छतों से भी जायरीन दुआ के लिए हाथ उठाए दिखाई दिए। काफी संख्या में मुरीदें शाहजी मौजूद रहे।
सुबह फज्र की नमाज के बाद दरगाह शरीफ पर कुरआन ख्वानी, हलका और शजरा पढ़ने के बाद पहले कुल शरीफ की फातेहा की गई। इसके बाद दरगाह शरीफ पर जायरीन ने हाजिरी देकर गुलपोशी की। जैसे-जैसे कुल शरीफ का समय नजदीक आता गया, अकीदतमंदों का सैलाब दरगाह की तरफ जाने वाले सभी रास्तों पर उमड़ने लगा। कुल शुरू होने से करीब एक घंटा पहले ही दरगाह पहुंचने वाले सभी रास्ते अकीदतमंदों की भारी भीड़ से खचाखच भर गए। ठीक शाम 5 बजे बड़े कुल शरीफ की रस्म नात-ओ-मनकबत के साथ शुरू हुई। दूरदराज से आए लोगों ने नजराना-ए-अकीदत पेश किए। दरगाह की परंपरागत मीलाद हुई। अपने अपने अंदाज में कलाम पेश किए। कुरआन पाक की आयतें करीमा की तिलावत हुई।
कुल शरीफ में शामिल होने वालो में सज्जादा नशीनो में लायक नाजिम, मुन्ने मिँया, शारिक मिँया नाज मिँया काफिल मिँया, व नगर पंचायत अध्यक्ष नसीम अहमद . कव्वालों में रिजवान , फय्याज, कादिर आदि.
उन्नाव से टीवी भारत जिला संवाददाता अरविंद तिवारी की रिपोर्ट