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मनोज सिंह/जिला ब्यूरो
टीकमगढ़। थाना देहात पुलिस की कार्यशैली को लेकर एक बार फिर चर्चायें शुरू हो गई हैं। यहां मारपीट की वारदात ने एक बार फिर थाना देहात पुलिस को सुर्खियों में ला दिया है। इस मारपीट की वारदात का वीडियो वायरल होने के बाद से पुलिस की उदासीनता को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है। घटना के संबन्ध में बताया गया है कि पठला मुहल्ला निवासी अनिल कड़ा जमीनी विवाद को लेकर दोपहर बाद आज रिपोर्ट करने के लिये थाना देहात पहुंंचा था। जब वह रिपोर्ट करने के लिये थाना परिसर के अंदर पहुंचा। इसी दौरान ग्राम हजूरी नगर निवासी आरोपी प्रकाश पाल, जयराम पाल, रविन्द्र पाल, सुखदीन पाल, महेन्द्र पाल ने एक राय होकर फरियादी अनिल कड़ा के साथ मारपीट कर दी। बताया गया है कि थाना देहात परिसर में ही युवक के साथ मारपीट होती रही और मौके पर मौजूद पुलिस बल तमाशबीन बना रहा। यहां बता दें कि थाना देहात पुलिस थाना शहर के बाहर हो जाने के बाद से ही सुर्खियों में बना हुआ है। थाना प्रभारी सहित पुलिस बल अवैध रेत परिवहन, जुआ और सट्टा के मामले में जहां चुप्पी साधे हुये हैं, तो वहीं यातायात व्यवस्थाओं को सुधारने में असफल साबित हो रही है। यहां बता दें कि थाना देहात के तत्कालीन थाना प्रभारी नसीर फारूकी के स्थानांतरण होने के बाद से अब तक देहात थाना पटरी पर नहीं आ सका। यहां बढ़ती मनमानी और लापरवाही को लेकर शहर में अटकलों का सिलसिला जारी बना हुआ है। वीडियो वायरल होने एवं फरियादी अनिल कड़ा द्वारा रिपोर्ट किये जाने के बाद यहां पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 341,427,323,294, 34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर वैधानिक कार्रवाई आरंभ कर दी गई है।
जुआ के फड़ों को लेकर चर्चाएं हुई आम
यहां बता दें कि जिले का सबसे चर्चित जुआ का अड्डा निकटवर्ती ग्राम कारी, तखा और मऊघाट का बताया जा रहा है। यह तीनों की इलाके थाना देहात अंतर्गत आते हैं। हजारों लाखों रूपये की हार जीत के दांव रोज ही लगने से कई परिवार बर्बादी के कगार पर हैं। जुआ के फड़ों पर लगते दांव के बाद भी पुलिस प्रशासन अब तक जुआरियों पर हाथ डालने से बचती आ रही है। सूत्रों की मानें तो यहां चल रहे जुआ के अड्डों को असरदार के लोगों का संरक्षण मिलता आ रहा है। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि नगर परिषद क्षेत्र कारी में चलने वाले जुआ के अड्डों पर तो एमपी और यूपी से वाहन आते रहे हैं। इन वाहनों में आने वाले खिलाडिय़ों को अड्डों पर सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। नाम न छापने की शर्त पर कुछ खिलाडिय़ों तो यहां तक कहा है कि इन अड्डों की जानकारी पकडऩे वालों को भी है, लेकिन शायद कोई भी इन्हें ….?