ताड़ी विक्रेताओं का कहना हलका इंचार्ज लेकर सिपाहियों को भी जाता है पैसा
उन्नाव : जिले में पूर्ण रूप से प्रतिबंधित ताड़ी इसके बावजूद बड़े बड़े प्रति बंधित ताड़ी के अड्डे संचालक सीजन में अवैध रूप से इसकी बिकी करते है। मुनाफे के चलते यह अवैध कारोबारी मोटी रकम कमाने का साधन है। इस लिए इस पर रोक लग पाना इलाके के लोगो को संभव नजर नहीं आ रहा है। ताड़ी का सीजन आते ही इस अवैध धंधे से जुड़े लोग सक्रिय हो गए है। स्थानीय वर्दी धारी और अफसरों से साठ गांठ कर अवैध रूप से ताड़ी बेची जा रही है। क्षेत्र में सौ से भी अधिक ताड़ के पेड़ है जिसमे एक व्यक्ति 20 से 25 पेड़ो का मालिक है। उन पेड़ो में ताड़ी उतारने का काम होता है। जिसके चलते इलाको में दर्जनों ताड़ी के अड्डे चल रहे है , साथ ही ताड़ी की मात्रा कम और अधिक पीने वालों की संख्या पर निर्भर करती है। विक्रेता ताड़ी की मात्रा बढ़ाने के लिए नशीली दवाओ और प्रतिबंधित पदार्थे को मिला देते है। जिससे एक बार सेवन करने वाला युवक गम्भीर रूप से बीमार हो जाए। नशा अधिक होने के कारण पीने वाला इसे अच्छा समझ कर खूब पसंद करते है। कारोबारियों के मुताबिक पूरे सीजन में 2 से ढाई लाख रुपए की कमाई हो जाती है वही लोगों का कहना है कि जिम्मेदार लोगों के शह पर यह अवैध व्यापार फल फूल रहा है।
आबकारी विभाग को अगर प्रतिबंधित ताड़ी विक्रेताओं के संबंध में सूचना दी जाती है तो वह भी कान बंद करके बैठे रहते हैं। जबकि स्थानीय पुलिस प्रशासन के हलका इंचार्ज से लेकर सिपाहियों को भी ताडी विक्रेता पैसे पहुंचाते हैं और ताड़ी भी समय-समय पर देते रहते हैं जिसके चलते उन्हें पुलिस प्रशासन का बिल्कुल भी भय नहीं होता है।