Unnao News: जनपद के अमर साहियकार,वरिष्ठ कवि दिनेश उन्नावी पर रचित कृति दिनेश उन्नावी जीवन और सृजन का भव्य लोकार्पण कार्यक्रम चौधरी खजान सिंह महाविद्यालय सभागार,लोकनगर उन्नाव में सम्पन्न हुआ।
ज्ञातव्य है कि कीर्तिशेष श्री उन्नावी की अब तक सात काव्यकृतियां प्रकाशित हो चुकी हैं।लखनऊ विश्वविद्यालय से उन्नावी के जीवन एवं काव्य पर केंद्रित एक लघुशोध प्रबन्ध भी स्वीकृत हुआ है,जो न केवल साहित्यिक जगत हेतु अपितु साहित्यिक नगरी जनपद उन्नाव के लिये एक गौरव की बात है।आज लोकार्पित इस कृति में उनका अप्रकाशित काव्य भी प्रकाशित है।
श्री उन्नावी को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान लखनऊ,मानस संगम संस्थान कानपुर,काव्य गौरव सम्मान दिल्ली पुस्तक मेला प्रगति मैदान दिल्ली,विद्या वाचस्पति सम्मान विक्रम शिला हिंदी विद्या पीठ भागलपुर विहार,साहित्य गौरव सम्मान उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान लखनऊ,निखिल प्रकाशन समूह आगरा द्वारा राष्ट्र गौरव सम्मानएवं अनेक साहित्यिक संस्थाओं से समय समय पर सम्मान प्राप्त हुए।
उनके सुयोग्य सुपुत्र मयंक यादव,उनकी धर्मपत्नी रमा यादव,पुत्र वधू पूजा यादव,उनकी दोनों पुत्रियों क्रमशः कृतिका एवं निकिता ने श्री उन्नावी की स्मृतियों को संजोने की दिशा में इस ग्रन्थ का प्रकाशन कराकर प्रथम पुण्य तिथि पर यह ऐतिहासिक लोकार्पण कार्यक्रम सम्पन्न कराया।
इस ग्रन्थ के प्रकाशन एवं सम्पादन में जनपद के हिंदी के प्रकाण्ड विद्वान डॉ रामनरेश ने अथक परिश्रम किया।
समारोह को भव्यता प्रदान करने में श्री उन्नावी के अनुज राजेश यादव एवं चचेरे भाई सर्वेश यादव की महती भूमिका रही।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जनपद के राजनीतिक ऋषि, शिक्षक विधायक राजबहादुर सिंह चंदेल ने कार्यक्रम के समापन तक अपना अमूल्य समय दिया एवं उन्नावी जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तृत प्रकाश डाला,विशिष्ट अतिथि के रूप में चौधरी खजान सिंह महाविद्यालय के प्रबंधक आदरणीय डॉ मुकेश यादव,प्राचार्या सुधासिंह,अपने विद्यालय के स्टाफ सहित,पूर्व सांसद अन्नू टण्डन,वरिष्ठ साहियकार साहित्य भूषण क्रमशःडॉ गणेश नारायण शुक्ल एवं चन्द्र किशोर सिंह ,अटल विहारी इंटर कालेज उन्नाव के प्रधानाचार्य अजब सिंह यादव,जिला सहकारी बैंक के निवर्तमान अध्यक्ष हरि सहाय मिश्र,जिला पंचायत सदस्य गोबिंन्द यादव,श्यामबाबू शर्मा हरिपाल यादव ने भी उन्नावी जी को अपने भावसुमन अर्पित किए इस अवसर पर भाव विभोर हो कुंज बिहारी कुंज ने उनके शिक्षक साथी जसवंत जी को बताया कि दिनेश जी की लेखनी इस तरह से लोकप्रिय हुई कि वह सम्पूर्ण जनपद के साहित्यिक जगत में बहुत लोकप्रिय हो गए उनकी ऐसी शोहरत ने मुझे उन्हें दिनेश उन्नावी कहने को बाध्य कर दिया और कालांतर में वह दिनेश उन्नावी के नाम से साहित्य जगत में प्रसिद्ध हो गए।
इस अवसर पर उपस्थित कवियों में वरिष्ठ साहियकार एवं गूंज अनुगूंज साहित्यिक संस्था के महामंत्री अमूल्य शुक्ल एवं उनकी सहधर्मिणी सुषमा शुक्ला,जनपद रायबरेली से पधारे वरिष्ठ कवि रामकरन सिंह मृदुल,साहित्यिक नगरी उन्नाव से डॉ रामनरेश दिवाकर द्विवेदी,बी0डी0सिंह कानपुर से पधारे राजेश सिंह,उमाशंकर यादव निःशंक,कमलेश शर्मा,डॉ नसीर अहमद,चन्द्रभान चन्द्र,रामकिशोर वर्मा,प्रदीप शर्मा,सागर उन्नावी,डॉ सुरेंद्र नाथ मिश्र,विनय विप्र,प्रदीप शर्मा,रामप्रसाद वर्मा सरस्,अनिल वर्मा,पंकज दीक्षित,रोशनलाल यादव ,संजीव तिवारी पिंटू,मनोज वर्मा,प्रमोद सिंह काकुत्थ,अनुज तिवारी,दिनेश प्रियमन,डॉ कृष्णकुमार मिस्र,विनय दीक्षित आशु,डॉ नसीर अहमदअयोध्या प्रसाद लोधी सुमन एवं शिवपाल सिंह आदि कवियों ने काव्यांजलि प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर राजेश यादव साधू, बलवंत सिंह यादव एवं सुखदेव यादव एडवोकेट,अशोक यादव,जगरूप सिंह यादव नि0जिला पंचायत सदस्य,सतीश यादव,शिवशंकर यादव,ऊदन यादव,सैनिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र फौजी भी अपनी टीम के साथ ,हरिपाल यादव,मुनेश्वर यादव,जसवंत यादव,अवधेश यादव,डॉ बिन्दे स्वरूप,एवं उन्नावी जी के परिजन एवं स्वजनों सहित भारी संख्या में गणमान्य जन उपस्थित रहे एवं उन्नावी जी को अपने भावसुमन अर्पित किये।कार्यक्रम में भारी संख्या में उन्नावी जी के शुभचिंतक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्रधानाचार्य श्रीराम सिंह एवं कार्यक्रम का कुशल संचालन हिंदी के महान विद्वान बछरावां महाविद्यालय के प्राक्तन प्राचार्य डॉ रामनरेश ने किया।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर उपस्थित सभी अतिथियों एवं साहियकार बन्धुओं के प्रति उन्नावी जी के अनुज राजेश कुमार यादव ने आभार व्यक्त किया।