Lakhimpur Kheri: उत्तर प्रदेश के एक छोटे से कस्बे मोहम्मदी के युवा साहित्यकार व सामाजिक कार्यकर्ता गोविन्द गुप्त ने अपने चंद साथियों प्रशांत मिश्र व अखिलेश गुप्ता, हरेंद्र वर्मा आदि के साथ एक संकल्प लिया कि इस कस्वे में एक ऐसा आयोजन शुरू हो जिससे साहित्यिक विधा की उन प्रतिभाओं को सम्मानित किया जाये जिन्हें मंचो की प्रतिस्पर्धा से गुजरना पड़ता है और प्रतिभा को उचित सम्मान नहीं मिलता है,समस्या थी कि विंना किसी सहायता के यह कैसे सम्भव हो सकता है।
अपनी प्रतिज्ञा पर दृढ़ गोविन्द गुप्ता ने नगर पालिका अध्यक्ष संदीप मेहरोत्रा व विधायक लोकेन्द्र को यह प्रस्ताव बताया तो वह खुश हुये ओर सहयोग का वचन दिया कुछ सहयोगी गुप्त रहे,जिन्होंने नाम की चिंता न की, पहला आयोजन 2022 में हुआ भव्य रूप से सम्पन्न हुआ पर लोग मोहमदी आने में थोड़ा संकोच कर रहे थे।
एक तो नाम के कारण दूसरा ट्रेन की कनेक्टविटी न होने के कारण पर गोविन्द गुप्ता के प्रति जो विश्वास लोगो में था वह उन्हें मोहमदी तक आने को विवश कर रहा था।
वर्ष 2023,2024,फिर 2025 केवल 3 वर्ष में ही इस आयोजन की धूम पूरे विश्व मे हो गई।
2024 में नेपाल का प्रतिनिधित्व हुआ तो 2025 में अमेरिका का देश के हर राज्य के साहित्यकार खुशी खुशी आने लगे और 2025 के आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि संकल्प यदि ईमानदारी से किया जाये तो ईश्वर भी साथ देता है,
गुप्ता बताते हैं कि कितना संघर्ष किया लोगो को मोहमदी तक लाने में,
उद्देश्य था मोहम्मदी कस्बे वाली पहचान दिलाना, केतकी व गोमती को विश्व पटल पर लाना।
महाभारत कालीन इतिहास से विश्व को परिचित कराना और यह सपना पूरा होते देख वह खुश है ,स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उन्हें सराहते है।
भविष्य में उनका सपना और बड़ा है जो पूरा करने का संकल्प उनके मन मे है,
आज साहित्य जगत को व्यवसायिक नहीं उससे प्रेम करने वाले लोग चाहिये और गोविन्द ने यह कर दिखाया कि उन्हें साहित्य से कितना प्रेम है।
… रिपोर्ट- हरिओम सिंह