Unnao News: जिलाधिकारी गौरांग राठी की अध्यक्षता व सीडीओ प्रेम प्रकाश मीणा की उपस्थिति में जनपद उन्नाव में पशुओं के पौष्टिक चारे हेतु मनरेगा योजनान्तर्गत एजोला उत्पादन, नेपियर उत्पादन एवं पशुओं की सुरक्षा हेतु गौशाला में बायोफेन्सिंग की व्यवस्था हेतु विकास भवन सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में उपायुक्त (श्रम रोजगार), मुनेष चन्द्र द्वारा एजोला व नेपियर घास के पौष्टिक तत्वों के बारे में बताया गया कि इस घास में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है तथा एजोला को कम लागत में क्रियान्वित किया जा सकता है। यह घास बारहमासी होती है। नेपियर घास पशुओं के लिये अत्यन्त लाभदायक है। इस अवसर पर कृषि वैज्ञानिकों द्वारा इन घासों को कैसे उगाएं और प्रयोग में लाएं, के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गयी। इसके साथ ही गौशाला में बबूल, नागफनी, करौंदा, बांस की बायोफेन्सिंग कर पशुओं की सुरक्षा के बारे में भी बताया गया।
कार्यशाला में जिलाधिकारी द्वारा एजोला व नेपियर घास को समय पर लगाने तथा बायोफेन्सिंग को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होने निर्देश दिए कि एजोला एवं नेपियर घास समस्त जगहों पर सही तरह से उत्पादित की जा सके इस हेतु मानक संचालन प्रक्रिया जारी की जाए। इसके साथ ही उन्होने कहा कि 02 अक्टूबर को ग्राम प्रधानों के साथ खुली बैठक कर उपरोक्त कार्यों पर चर्चा कर इन्हे क्रियान्वित किया जाए। डीएम ने निर्देश दिए कि एजोला एवं नेपियर घास को फसल चक्र के मुताबिक उगाया जाए ताकि वर्ष भर जानवरों को हरा चारा मिलता रहे। उन्होने कहा कि गौशालाओं में कम खर्चे में पशुओं की सुरक्षा हेतु बायोफेंसिंग कराना अधिक प्रभावी होगा। उन्होने कार्यशाला में प्रतिभाग करने वालों को बधाई देते हुए कहा कि इस कार्य में जन प्रतिनिधियों को भी सामिल किया जाए।
इस अवसर पर सीडीओ ने बताया कि एजोला और नेपियर घास पशुओं के स्वास्थ के लिये अत्यन्त उपयोगी है। उन्होंने ग्राम पंचायतों में मनरेगा मजदूरों को रोजगार तथा अमृत सरोवर एवं खेल मैदान आदि का निर्माण कराने के निर्देश दिये।
कार्यशाला में डा0 आनन्द सिंह, वैज्ञानिक पशु विज्ञान, के०वी०के०, सीतापुर, डा० महावीर सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, श्री शशांक चैधरी, जिला कृषि अधिकारी, समस्त खण्ड विकास अधिकारी/कार्यक्रम अधिकारी, समस्त अतिरिक्त, कार्यक्रम अधिकारी जनपद के समस्त विकास खण्डों से जिन गौशालाओं में अधिक गौवंश हैं, उनके 32 प्रधान, 32 तकनीकी सहायक तथा ग्राम सचिव आदि मौजूद रहे।