उन्नाव। आज राष्ट्रीय पत्रकार महासभा द्वारा वरिष्ठ पत्रकार कमाल खान जी की प्रथम पुण्यतिथि पर एक शोकसभा का आयोजन किया गया।
सरकारी नौकरी छोड़ अमृत बाजार पत्रिका के माध्यम से 1987 से पत्रकारिता शुरू करने वाले कमाल खान अग्रेंजी व रूसी भाषा के सिद्धहस्थ थे। उन्होने रूसी भाषा से एक डिग्री भी ली थी। वहीं वे 1980 में हिन्दुस्तान एरोनेटिक्स लिमिटेड में रूसी भाषा के अनुवादक भी रहे। वे अपनी बेहतरीन पीटीसी जिसका शाब्दिक अर्थ पीस टू कैमरा है, के लिए जाने जाते थे। उन्होने हिन्दी व उर्दू का गहन अध्ययन किया। उनकी किस्सागोई सम्मोहित करने वाली होती थी। उनमें खबरों को सूंघने का हुनर था। उनकी पीटीसी को देखते हैं तो पाते हैं कि वे कैसे श्रीमद् भगवत गीता का संदर्भ ले लेते हैं, कभी रामचरित मानस की चौपाई ले लेते हैं कभी सूरदास जी व कबीरदास जी को ले लेते हैं। उनकी पत्रकारिता में साहित्यिक खुशबूं होती थी। उस खुशबू को जो भी व्यक्ति दर्शक सूंघ लेता था, उसको इतना आनंद आता था कि उनकी रिपोर्ट को लोग बार बार देखा सुना करते थे। कमाल खान ने कभी अपना धैर्य नहीं किया। उनकी रिपोर्ट में कभी भी आक्रामकता नहीं दिखी। वे गंगा जमुनी तहजीब के हिस्सा रहे।
मृत्यु के पहले दिन उन्होने स्त्रियों को लेकर बेहद महत्वपूर्ण रिपोर्टिग करते हुए देश की पितृ सत्ता को लेकर प्रश्नचिन्ह उठाए थे। उन्होने मार्क्सवादी विचाराधारा को जोड़ते हुए जड़ता को लेकर बेहतर रिपोर्टिग की थी। मार्क्स ने किस प्रकार से देखा कि पितृसत्ता कैसे पनपती है, कैसे स्थापित होती है, ऐसे तमाम बिन्दुओ को अपनी पीटीसी के दौरान प्रस्तुत किया। उन्होने अलग अलग विषयों पर निष्पक्षता से रिपोर्टिग की, जो कि बेहतरीन था।
डिप्टी चैयरमैन श्रवण कुमार पाण्डेय, प्रदेश अध्यक्ष जैगम नकवी, उपाध्यक्ष नासिर अहमद खान, संगठन मंत्री मोहम्मद जमाल खान, प्रदेश महासचिव फैसल रहमान सफवी, प्रदेश महासचिव सतीश कुमार बाजपेई जिला अध्यक्ष आलोक अवस्थी उपाध्यक्ष आरिफ अली शेख महामंत्री राजेन्द्र कुमार, जिला अध्यक्ष महिला मोर्चा ज्योति, जिला प्रभारी अपर्णा राय आदि शामिल रहे।