जिला ब्यूरो /मनोज सिंह
टीकमगढ़—कलेक्ट्रेट सभागार में शनिवार को जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक साधारण नहीं रही। ट्रैफिक प्रभारी कैलाश पटेल ने शहर से लेकर ग्रामीण मार्गों तक सड़क सुरक्षा से जुड़ी 16 अहम चुनौतियों पर विस्तृत प्रेजेंटेशन रखा—कहीं ऑटो स्टैंड का अभाव, कहीं हॉकर जोन की जरूरत, तो कहीं आवारा पशुओं की दावत। कोतवाली और मिश्रा तिराहा के आसपास के पार्कों को पुनर्विकास कर यातायात सुगम बनाने तक के प्रस्ताव रखे गए।
इसके साथ ही अंबेडकर चौराहा, नया बस स्टैंड मार्ग की मरम्मत, सागर बायपास पर रोड मार्किंग, लाइटिंग और प्रमुख चौराहों को मॉडल स्वरूप देने जैसी जरूरतें भी सामने आईं। कागज़ पर सब बढ़िया दिखा, लेकिन ज़मीन पर हालात कुछ और ही चीखते मिले।
पुरानी टेहरी पुल की मरम्मत में देरी—कलेक्टर का पारा चढ़ा
बरसात में पुरानी टेहरी का प्राचीन पुल बगल से ढह गया था। पांच महीने बीत गए, पर मरम्मत आज भी अधूरी। जब सेतु निर्माण विभाग के अधिकारी ने वही पुराना राग छेड़ा, फाइल भोपाल गई है, स्वीकृति का इंतजार है—तो कलेक्टर का चेहरा साफ बता गया कि धैर्य की सीमा टूट चुकी है।
तेज नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा— पांच महीने से केवल फाइलें घूम रही हैं। अगर इस बीच कोई हादसा हुआ तो विभाग सीधा जिम्मेदार माना जाएगा। आदेश साफ था—काम में तेजी लाई जाए और देरी का कोई बहाना स्वीकार नहीं होगा।
नजाई बाजार की गल्ला मंडी को शिफ्ट करने का सुझाव
बैठक में यह मुद्दा भी उठा कि नजाई बाजार में रोज लगने वाली फुटकर गल्ला मंडी सड़क पर भारी अव्यवस्था फैलाती है। पार्षद अभिषेक खरे ने सुझाव दिया कि इसे कृषि उपज मंडी परिसर में शिफ्ट किया जाए, जिससे शहर के बीच जगह भी बचे और पार्किंग की दिक्कत भी कम हो।
हर महीने बैठक, हर मुद्दे पर प्रगति की समीक्षा
सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था पर आए विभिन्न सुझावों पर चर्चा के बाद कलेक्टर ने कहा कि अब हर महीने सड़क सुरक्षा समिति की बैठक होगी। तय कार्यों की प्रगति की सीधी समीक्षा होगी और लापरवाही पाई गई तो कार्रवाई तय मानी जाए।
बैठक में रहे मौजूद
विवेक चतुर्वेदी, एडिशनल एसपी विक्रम सिंह, एसडीएम संस्कृति लिटोरिया, तहसीलदार सत्येंद्र सिंह गुर्जर और अन्य विभागीय अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।












