जिला ब्यूरो/मनोज सिंह
टीकमगढ़—जिले में गुंडा प्रवृत्ति के लोगों को लगता था कि गली का रौब हमेशा चलेगा, पर पुलिस ने इस बार ऐसा अभियान छेड़ा कि कई लोगों की चाल बदल गई और कई की बोली। पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह मंडलोई के निर्देश पर 28 नवंबर की रात जिलेभर में बड़ा अभियान चलाया गया, जिसमें टीकमगढ़, जतारा और अन्य इलाकों में पुलिस टीमों ने सघन निगरानी शुरू की। कार्रवाई की गति देखकर यह साफ हो गया कि इस बार मामला औपचारिकता का नहीं, बल्कि सख्त नज़र और तेज़ कदमों का था।
अभियान के दौरान पुलिस ने उन चेहरों को फिर से पहचानना शुरू किया, जिन पर समय-समय पर अपराध के बादल मंडरा चुके हैं। कई बदमाशों के घरों पर दस्तक दी गई, और जिनके दरवाजे बंद मिले, उन्हें भी यह संदेश भेज दिया गया कि छिपने से कुछ नहीं होगा, कानून की पकड़ बहुत दूर तक जाती है। कई ऐसे लोग भी मिले जो वर्षों से पुरानी शान पर चलते आ रहे थे, लेकिन पुलिस की पूछताछ के बाद उनकी चुप्पी ही काफी थी।
रात की गश्त में अगर कोई बिना वजह घूमता मिला तो उससे भी पूरा हिसाब लिया गया—कौन, कहाँ से, किसलिए? यह पूछताछ सिर्फ औपचारिक नहीं थी, बल्कि उन हालातों को रोकने के लिए थी जो अपराध को जन्म देते हैं। पुलिस का रुख यह साफ करता है कि अब जिले में अंधेरे में घूमने वालों की मर्जी नहीं, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती चलेगी।
जिले के कई पुराने निगरानीशुदा अपराधियों का हाल-चाल भी लिया गया—कौन कहाँ है, किस हाल में है, और क्या गतिविधियां चल रही हैं। कई ऐसे नाम सामने आए जिनकी गतिविधियों ने पुलिस का ध्यान खींचा, और जो घरों पर नहीं मिले, उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
टीकमगढ़ पुलिस ने जनता से अपील की है कि रात में बेवजह घर से न निकलें, और यदि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि का पता चले, तो तुरंत सूचना दें। पुलिस का कहना है कि समाज की सुरक्षा तभी मजबूत होगी जब लोग भी जागरूक रहें और अपराध के इशारों को पहले ही पहचानकर जानकारी दें।












