दैनिक केसरिया हिंदुस्तान/मनोज सिंह
टीकमगढ़/जतारा।
रात्रि में मोहनगढ़ के समीप गोरा गांव अंतर्गत गारा टपरियन से मुखबिर से सूचना मिली कि एक लाल रंग का 14 चक्का ट्रक राजस्व भूमि पर अवैध रूप से श्यामर प्रजाति के वृक्ष काटकर परिवहन कर रहा है।
सूचना प्राप्त होते ही प्रभारी वन मंडल अधिकारी टीकमगढ़ सर्वेश सोनवानी भा.व.से. और उपवन मंडल अधिकारी टीकमगढ़ मनीषा बघाड़े ने तत्काल कार्रवाई की रूपरेखा तैयार की। मामला टीकमगढ़ रेंज का होने के कारण वन परिक्षेत्र अधिकारी टीकमगढ़ को कार्रवाई हेतु निर्देशित किया गया।
लेकिन यह सवाल खड़ा होता है कि जब पूरा क्षेत्र टीकमगढ़ का था और पूरे स्टाफ एवं बल उपलब्ध था, तब टीकमगढ़ रेंजर सौरभ जैन ने निर्देश क्यों नहीं माना और कार्रवाई के लिए जतारा क्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी जतारा शिशुपाल अहिरवार को क्यों भेजा गया। सूत्रों के अनुसार इस मामले में सेटलमेंट या किसी बड़े राजनीतिक दबाव की आशंका जताई जा रही है।
ट्रक की जब्ती और सवाल
गोर के पास लेखपुर ग्राम वन विभाग की टीम ने लकड़ी से भरा ट्रक रोका और जब्त किया। हालांकि हमारी टीम ने टीकमगढ़ रेंजर सौरभ जैन और संबंधित एसडीओ से संपर्क किया, पर रेंजर से तत्काल कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली। एसडीओ ने कहा कि कार्रवाई चल रही है, लेकिन कुछ समय बाद कॉल निरुत्तर रही।
उठ रहे मुख्य सवाल:
यह क्षेत्र सीधे तौर पर टीकमगढ़ रेंज का है, ऐसे में जब ट्रक जब्त किया गया, इसे टीकमगढ़ डिपो में लाना चाहिए था।
किन कारणों से ट्रक को जतारा डिपो ले जाया गया?
क्या इस फैसले में किसी उच्चाधिकारियों का दबाव या सेटिंग की भूमिका रही?
यह स्थिति कई शंकाओं और सवालों को जन्म देती है। वन विभाग और प्रशासन की चुप्पी इस प्रकरण में और संदेह पैदा करती है।