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सालाना उर्से मुक़द्दस मज़हरे शाहे सफी , दुरवैशे मुकर्रम , रईसुल औलिया , अकबरुल मशाएख , मखदूमे मुतबर्रक हज़रत मखदूम शेख बन्दगी मुबारक अलहिर्रहमा 23 व 24 रजब-उल-मुरज्जब को बड़े ही शानो शौकत के साथ मुनअक़िद किया जा रहा है।
हज़रत मखदूम बन्दगी शेख मुबारक रहमतुल्लाह अलैह के वालिद का नाम शेख अब्दुल मलिक जाजमवी रहमतुल्लाह अलैह है और आप खलीफा-ए-दोम हज़रत उमर फारुक़े आज़म रज़ियल्लाहु तआला अन्ह की नस्ल से हैं। मख़्दूम-उल-अनाम, शेख-उल-इस्लाम हुज़ूर ख्वाजा अब्दुस’समद अलमारूफ हज़रत मखदूम शाह सफी शाहे विलायत सफीपुरी रहमतुल्लाह अलैह के हक़ीक़ी भांजे, खलीफा और जानशीन हैं। आपको मखदूम साहब ने आपकी वालिदा यानी आफनी बहन से बचपन में ही तलब कर लिया था और खुद ही आपकी तरबियत फरमा कर सफवी मैक़दे का साक़ी मुकर्रर किया। विसाल 24 रजब-उल-मुरज्जब को हुआ, मज़ार शरीफ सफीपुर ज़िला उन्नाव में है।
( तक़रीबाते उर्स ) 23 रजब (मुताबिक़ 15 फरवरी 2023) बरोज़ बुध : बाद नमाज़े फजर कुरआन ख्वानी ( दरगाहे आलिया हज़रत मखदूम शाह सफी अलहिर्रहमा में), बाद नमाज़े मग़रिब शबे चराग़ां, बाद नमाज़े इशा ईद मिलादुन्नबी बादहू महफिले समा व पहला क़ुल शरीफ ( दरगाहे आलिया हज़रत मखदूम शाह सफी अलहिर्रहमा में)
24 रजब ( मुताबिक 16 फरवरी 2023) बरोज़ जुमेरात बाद नमाज़े फजर कुरआन ख्वानी ( दरगाहे आलिया हज़रत मखदूम शाह सफी अलहिर्रमा में ) ,09:30 बजे दिन गुस्ल मज़ारे मुबारक,11:00 बजे दिन खिर्क़ा-ए-मुबारक की ज़ियारत बाद नमाज़े ज़ोहर क़ुल शरीफ की महफिल ,04:00 बजे कुल शरीफ और बाद नमाज़े असर फातिहा खास ( साहिबे सज्जादा के दौलत खाना दारूल अमान में) आप तमामी हज़रात से गुज़ारिश उर्से पाक में शिरकत फरमाएं।