जिला ब्यूरो/मनोज सिंह
टीकमगढ़। प्रदेश में पहले ही यूरिया और खाद की कमी से जूझ रहे किसानों की पीड़ा थमने का नाम नहीं ले रही है। कतारों में खड़े होकर खाद की उम्मीद लगाए किसानों को अब प्रशासनिक बदजुबानी और अपमान भी झेलना पड़ रहा है। शनिवार को टीकमगढ़ में एक बल्देवगढ़ तहसीलदार द्वारा किसानों के साथ की गई अभद्रता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासनिक संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि खाद लेने पहुंचे एक किसान से तहसीलदार आपत्तिजनक भाषा में बात करते हुए “अपनी ऐसी तैसी कराओ” जैसे शब्दों का प्रयोग करते नजर आ रहे हैं। इतना ही नहीं, खिड़की में लटककर यूरिया की गुहार लगा रहे एक व्यक्ति को पीछे से चांटा मारने का दृश्य भी वीडियो में कैद है। यह व्यवहार न केवल अमानवीय है, बल्कि एक जिम्मेदार अधिकारी की गरिमा के सर्वथा विपरीत है।
घटना के बाद किसानों में भारी आक्रोश है। किसानों का कहना है कि वे घंटों लाइन में खड़े रहते हैं, कई बार बिना खाद लौटना पड़ता है और ऊपर से उन्हें अपमान और गाली-गलौज का सामना करना पड़ता है। किसानों ने सवाल उठाया है कि जब खाद वितरण व्यवस्था प्रशासन की जिम्मेदारी है, तो उसकी अव्यवस्था का खामियाजा किसानों को क्यों भुगतना पड़ रहा है।
यह घटना ऐसे समय सामने आई है, जब हाल ही में टीकमगढ़ में खाद के लिए लाइन में खड़े एक किसान की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद प्रशासनिक स्तर पर संवेदनशीलता दिखाई देने के बजाय किसानों के साथ इस तरह का व्यवहार होना व्यवस्था की विफलता को उजागर करता है।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद आम नागरिकों और किसान संगठनों ने तहसीलदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि यही व्यवहार एक आम नागरिक करता, तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई होती, लेकिन जब अधिकारी ही कानून और मर्यादा को ताक पर रख दें, तो सवाल और भी गंभीर हो जाता है।
अब निगाहें जिला प्रशासन और शासन पर टिकी हैं कि क्या इस मामले में दोषी अधिकारी पर कार्रवाई होगी या फिर यह मामला भी जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा। किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि इस अपमानजनक व्यवहार पर सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो आंदोलन तेज किया जाएगा।











