जिला ब्यूरो/मनोज सिंह
एक महीने से जंजीरों में जकड़ी ज़िंदगी, न मजदूरी न करुणा परिवारों की गुहार पर प्रशासन हरकत में आया और श्रमिक सुरक्षित घर लौटे।
टीकमगढ़/पृथ्वीपुर ग्राम पंचायत बनगाय के मिडौरा गांव से मजदूरी की तलाश में महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले पहुंचे आदिवासी समुदाय के श्रमिकों की पीड़ा तब सामने आई जब पता चला कि उन्हें पिछले एक महीने से ठेकेदार ने अवैध रूप से बंधक बनाकर अमानवीय परिस्थितियों में काम करवाया। कई श्रमिकों के मुताबिक न तो उन्हें पर्याप्त भोजन दिया जा रहा था, न ही मजदूरी। लगातार अत्याचार झेल रहे इन श्रमिकों की दुर्दशा की जानकारी किसी तरह उनके परिवारों तक पहुंची तो गांव में चिंता की लहर दौड़ गई।
परिजन तत्काल पूर्व विधायक डॉ. शिशुपाल यादव के पास पहुंचे और पूरी घटना का विवरण दिया। मामले की गंभीरता को समझते हुए पूर्व विधायक ने तुरंत जिला एसपी योगेश कुमार और एडिशनल एसपी धीरज कुमार से संपर्क कर पूरी स्थिति से अवगत कराया। श्रमिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता मानते हुए अधिकारियों को ठेकेदार के ठिकानों पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा गया।
प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए विशेष सर्च अभियान चलाया। स्थानीय पुलिस के सहयोग से चलाए गए इस अभियान में 32 श्रमिकों को ठेकेदार की कैद से सुरक्षित मुक्त कराने में सफलता मिली। इसके बाद सभी श्रमिकों को दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी कराकर उनके गांव वापस भेजा गया।
गुरुवार को सभी मुक्त श्रमिक पृथ्वीपुर पहुंचकर पूर्व विधायक डॉ. शिशुपाल यादव के पास गए और अपने पुनर्वास, सुरक्षा तथा तत्काल मदद के लिए आभार व्यक्त किया। मजदूरों ने बताया कि यदि समय पर हस्तक्षेप न किया गया होता, तो स्थिति और गंभीर हो सकती थी।
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर साबित किया कि जनप्रतिनिधि की तत्परता और प्रशासन का समन्वय कठिन परिस्थितियों में फंसे परिवारों के लिए जीवन रक्षक बन सकता है।












