मनोज सिंह/जिला ब्यूरो
टीकमगढ़। जिले के शिक्षा विभाग से एक चौंकाने वाली और शर्मनाक खबर सामने आई है। जिला शिक्षा अधिकारी डीईओ हनुमंत सिंह का एक ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें वे एक अतिथि शिक्षक को भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए सुने जा रहे हैं। मामला सामने आने के बाद पूरे शिक्षक वर्ग में आक्रोश है, वहीं शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है।
मिली जानकारी के अनुसार, यह ऑडियो मनगुआ प्राथमिक शाला में पदस्थ अतिथि शिक्षक सहदेव यादव का है। सहदेव यादव का कहना है कि वे पिछले कई दिनों से डेली अटेंडेंस संबंधी समस्या को लेकर डीईओ से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन हर बार फोन काट दिया जाता या कॉल रिसीव नहीं की जाती।
शिक्षक ने बताया,
मैं जब कॉल करता हूं तो फोन नहीं उठाते। जब व्हाट्सएप पर कॉल करता हूं, तब भी जवाब नहीं मिलता। और जब बाद में बात होती है, तो उल्टा गाली गलौज की जाती है। आज मैंने सिर्फ यह पूछा कि सर, मेरी अटेंडेंस अपडेट नहीं हो रही है — बस इसके बाद उन्होंने गालियां देना शुरू कर दीं।
वायरल ऑडियो में डीईओ हनुमंत सिंह की आवाज़ स्पष्ट रूप से सुनी जा सकती है, जिसमें वे अतिथि शिक्षक को अभद्र भाषा में फटकारते और गालियां देते हैं।
इस अपमानजनक बर्ताव ने पूरे जिले के शिक्षकों में रोष पैदा कर दिया है। कई शिक्षकों ने इस पर कहा कि “यदि अधिकारी ही इस तरह से व्यवहार करेंगे, तो शिक्षक कैसे अपनी बात रख पाएंगे?
सूत्रों के अनुसार, डीईओ द्वारा पहले भी शिक्षकों से रुखा व्यवहार किए जाने की शिकायतें आती रही हैं, लेकिन यह पहली बार है जब अभद्र भाषा का सीधा ऑडियो प्रमाण सार्वजनिक हुआ है।
अब सवाल यह उठ रहा है कि
क्या टीकमगढ़ का शिक्षा प्रशासन अब अभद्रता की पाठशाला बनता जा रहा है?
शिक्षक संघों ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है और कहा है कि किसी भी शिक्षक के साथ इस तरह का व्यवहार शिक्षा व्यवस्था की गरिमा को ठेस पहुंचाता है।
अतिथि शिक्षक सहदेव यादव ने पूरे मामले की लिखित शिकायत तैयार कर कलेक्टर विवेक श्रोत्रिय और जिला पंचायत सीईओ को देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि वे इस अपमानजनक व्यवहार के खिलाफ आवाज़ उठाएंगे, ताकि भविष्य में किसी अन्य शिक्षक को इस तरह की स्थिति का सामना न करना पड़े।
जिले के वरिष्ठ शिक्षकों का कहना है कि यदि अधिकारी संवेदनशील न रहें तो शिक्षा व्यवस्था में भय और अविश्वास का माहौल बनता है। शिक्षा विभाग अनुशासन का प्रतीक होना चाहिए, लेकिन जब शीर्ष अधिकारी ही संयम खो दें, तो पूरी व्यवस्था की साख पर सवाल उठना स्वाभाविक है।
अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस वायरल ऑडियो को कितना गंभीरता से लेता है क्योंकि अगर शब्दों की मर्यादा टूटेगी, तो शिक्षा की प्रतिष्ठा भी मिट्टी में मिल जाएगी।
जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है –
डीईओ हनुमंत सिंह
से बात की तो उन्होंने बताया कि मेरे द्वारा कॉल नहीं किया गया ना ही मुझसे बात की












