सफीपुर में एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद महिला की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में तोड़फोड़ शुरू कर दी। पुलिस परिजनों को शांत कराने की कोशिश में लगी हुई है, लेकिन परिजन कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। हंगामे की सूचना पर सीएचसी प्रभारी डॉ. राजेश कुमार वर्मा और एसडीएम शिवेंद्र कुमार वर्मा भी मौके पर पहुंच गए।
सफीपुर कोतवाली क्षेत्र में प्राइवेट हॉस्पिटल रौनक के नाम से संचालित है। जुझारपुर गांव निवासी मुलायम सिंह अपनी पत्नी दीपा को प्रसव पीड़ा होने पर सुबह सात बजे के करीब अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां डॉक्टर अजय पाल ने खून की कमी बताकर ऑपरेशन करने की बात कही और ऑपरेशन थियेटर में लेकर चले गए। आपरेशन से महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया, लेकिन कुछ देर बाद महिला की हालत बिगड़ गई। परिजन जब तक कुछ समझ पाते महिला की मौत हो गई दो साल पहले हुई थी शादी
मुलायम सिंह ने बताया कि दो साल पहले दीपा से उसकी शादी हुई थी। सुबह सात बजे जब वह अस्पताल पहुंचा तब उसकी पत्नी ठीक थी। डॉक्टरों ने खून की कमी बताकर ऑपरेशन कर दिया। इसके बाद डॉक्टरों ने महिला की हालत गंभीर बताते हुए उसे दूसरी जगह भेजने की बात कही और मौके से डॉक्टर सहित पूरा स्टॉफ फरार हो गया। परिजनों ने देखा तो महिला की जान जा चुकी थी, इसके बाद लापरवाही का आरोप लगाते हुए उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया सीएचसी प्रभारी ने जांचे अस्पताल के कागजात
सीजर आपरेशन के कुछ देर बाद महिला की मौत हो जाने पर परिजनों ने झोलाछाप के द्वारा आपरेशन करने की बात कहकर हंगामा शुरू कर दिया। नाराज परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ शुरू कर दी, जिससे मुख्य गेट के शीशे टूट गए।
हंगामें की सूचना पर कोतवाली प्रभारी अवनीश कुमार सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच और शव कब्जे में लेने का प्रयास किया, लेकिन परिजनों ने हंगामा करते हुए शव देने से इंकार कर दिया।हंगामे की सूचना पर पहुंचे एसडीएम
प्रदर्शन बढ़ता देख पुलिस ने उच्चाधिकारियों को मामले की जानकारी दी। इसके बाद एसडीएम और सीएचसी प्रभारी भी मौके पर पहुंच गए। सीएचसी प्रभारी ने अस्पताल में कागजों की जांच पड़ताल कर रहे हैं। प्रभारी निरीक्षक अवनीश कुमार सिंह ने बताया कि अस्पताल से डाक्टर और स्टाफ गायब है। परिजनों को समझाने की कोशिश की जा रही है। मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सफीपुर से TV भारत संवाददाता अरविंद तिवारी की रिपोर्ट