बांगरमऊ उन्नाव क्षेत्र के ग्राम भिखारीपुर रुल्ल में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तृतीय दिवस श्याम कुटी वृंदावन धाम के विख्यात कथावाचक पंडित रघुवीर शरण शास्त्री ने आज भगवान राम जन्म कथा प्रस्तुत कर श्रद्धालु भक्तों को भावविभोर कर दिया। उन्होंने उपदेश दिया कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का चरित्र अनुकरणीय ही नहीं बल्कि धारणीय भी है।
प्रमुख समाज सेवी लक्ष्मण प्रसाद द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा अंतर्गत भागवताचार्य श्री शास्त्री ने कहा कि त्रेता युग में भगवान राम 12 कलाओं से परिपूर्ण होकर अवतरित हुए। महात्मा तुलसीदास ने रामचरितमानस में उद्धृत किया है कि ” गुरु गृह पढ़न गए रघुराई, अल्प काल विद्या सब पाई” उन्होंने कहा कि थोड़े समय में ही भगवान राम भाषा ज्ञान, धनुर्विद्या, राज्य संचालन एवं सामाजिक विज्ञान आदि विषयों में प्रवीण हो गए। भगवान श्री राम के विषय में यह भी विदित है कि वह प्रातः काल उठकर सर्वप्रथम गुरु, माता और पिता के चरणों में माथा टेक कर अन्य कार्य संपन्न करते रहे। उन्होंने कहा कि यही दीक्षा प्रत्येक परिवार में बच्चों को देना अनिवार्य है।
श्री शास्त्री ने गुरु विश्वामित्र द्वारा महाराज दशरथ से राम और लक्ष्मण को यज्ञ की रक्षा हेतु मांग कर ले जाना और यज्ञ की रक्षा करते हुए ताड़का राक्षसी एवं मारीच तथा सुबाहु राक्षसों का वध करने का प्रसंग प्रस्तुत किया। मध्यांतर में श्री शास्त्री ने भगवत भक्ति के कई कीर्तन प्रस्तुत कर श्रद्धालु भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया। कथा के अंत में सभी श्रोता भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया।