उन्नाव डॉक्टर धरती पर भगवान का दूसरा रुप होते हैं लेकिन डॉक्टर जब अपने ईमान धर्म को भूलकर पैसे के लिए ही काम करने लगे तो मरीजों का बच पाना मुश्किल ही नहीं असंभव है। ऐसा ही एक मामला सहारा हॉस्पिटल पर परियर का प्रकाश में आया है जहां पथरी के ऑपरेशन में काट दी पेशाब की नली, किडनी फेल और तरह-तरह की बीमारियां बताकर बनाया लाखों का बिल
उन्नाव : गांव सदमपुर निवासिनी गुड्डी पत्नी रामबरन ने उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री उत्तर प्रदेश बृजेश पाठक को पत्र लिखकर अपनी दास्तां सुनाई जिसमें उन्होंने बताया कि उनके पति को पेट में अचानक दर्द बुखार और उल्टी हुई तो जिला अस्पताल जा रहे थे लेकिन एक व्यक्ति ने बताया कि पास में एक अच्छा सा हॉस्पिटल है तो पास के अस्पताल सहारा हॉस्पिटल परियर में भर्ती कराया गया। वह व्यक्ति खुद को सहारा हॉस्पिटल का संचालक बता रहा था भर्ती कराने के बाद डॉ मोहसिन अली ने ₹30000 की जांच करवाने के बाद बताया कि किडनी में पथरी है अगर ऑपरेशन नहीं किया गया तो मरीज की जान भी जा सकती है। उन्होंने पूरा ऑपरेशन का खर्चा ₹100000 बताया और कहा कि कानपुर से डॉक्टर विनीत कुमार आकर ऑपरेशन करेंगे। 20 जून 2022 को ऑपरेशन होने के 2 दिन रामबरन की हालत बिगड़ने लगी। डॉक्टर ने बोला ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है जल्दी ठीक हो जाएगा। 10/11 दिन सहारा हॉस्पिटल में इलाज कराने के बाद भी मरीज ठीक ना हुआ तो प्रार्थनी रामबरन को लेकर कानपुर हॉस्पिटल गई। जहां पर डॉक्टरों ने बताया कि ऑपरेशन गलत तरह से हुआ है पथरी के ऑपरेशन में पेशाब की नली ही काट दी। गुड्डी डॉक्टर विनीत से मिलने गई सारा भेद खुल गया और सच्चाई सामने आ गई। विनीत कुमार ने बताया कि ना ही मैं किसी मोहसिन अली को जानता हूं ना मैं कभी सहारा हॉस्पिटल गया।और उन्होंने यह भी कहा कि सहारा हॉस्पिटल का लखनऊ स्थित हॉस्पिटल से कोई संबंध नहीं।
गुड्डी देवी जब सहारा हॉस्पिटल में मोहसिन अली से मिलने आई तो मोहसिन अली ने उसे गंदी-गंदी भद्दी गालियां दी और कहा कि अगर दोबारा यहां दिखाई दी तो ऐसा इंजेक्शन लगा दूगा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी नहीं आएगा।
गुड्डी देवी अपने पति रामबरन को लेकर दर-दर भटक रही है और न्याय की गुहार लगा रही है लेकिन इतना बड़ा धोखा और मरीज के साथ कर्ज का बोझ अकेले गुड्डी देवी कैसे उठाएगी।
उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के औचक निरीक्षण और सख्त कानून व्यवस्था के बावजूद भी लोगों के साथ इस तरह से धोखाधड़ी और आए दिन उन्नाव जनपद में अवैध हॉस्पिटलों द्वारा मरीजों की ली जाने वाली जान के बाद भी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कुंभकरण की नींद से नहीं जाएगा ऐसी घटनाएं आपको हर क्षेत्र में रोज दिखाई देंगे। बात करने पर डॉक्टर बताते हैं कि मरीज प्राइवेट हॉस्पिटल जाते ही क्यों हैं? सरकारी हॉस्पिटलों में क्यों नहीं। जबकि जिला अस्पताल में दलालों की मारपीट का वीडियो वायरल जब होता है तो इसलिए होता है कि वह मरीजों को प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाने के लिए जुगाड़ में लगे होते हैं। उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे है। कितने भी दावे और वादे जनता से कर लिया जाए सब खोखले और जनता को छलने वाले साबित होते हैं।
बृजेश कुमार की रिपोर्ट TV भारत /TPN न्यूज नेटवर्क उन्नाव उत्तर प्रदेश