उम्मीदों की शहर को अगर तालाबों का शहर कहा जाए तो बुरा नहीं होगाा, क्योंकि आपको उन्नाव में अधिकांश मोहल्ले में गंदगी और जलभराव की समस्या देखने को मिलेगी जहां पर नालियों की सफाई कई महीने तक नहीं होती। सांसद महोदय को तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता उन्नाव शहर गंदा हो या साफ । बात कीजिए सदर विधायक तो इसकी नाकामी का ठीकरा नगरपालिका पर ही फोड़ते नजर आते हैं। सभी अपनी जिम्मेदारी सेेेेेे बचने का उपाय ढूंढतेे हैं लेकिन आदमी की तकलीफ किसी को नजर नहीं आती।
उन्नाव के मोहल्ला एबी नगर में रहना किसी काला पानी की सजा से कम नहीं है कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायत के वाद भी हालात – नहीं सुधरेे। गन्दगी से परेशान लोगों ने ईद से पहले कई बार इस बात को लेकर कई अधिकारियों को पत्र लिखा लेेकिन कोई कार्य वाही नही हुई। जिसके वाद जामा मस्जिद के वार्ड न 23 के निवासी उन्नाव नगर पालिका अध्यक्ष को पत्र लिखकर सूचित किया वार्ड न 23 निवासी मो. उमर ने बताया कि सभी पत्रो को अधिकारीयो ने ठंडे बस्ते मे डाल दिया । जहां सरकार एक तरफ स्वच्छ भारत मिशन मे करोडो खर्च रही है वही सरकार के कुछ भ्रष्ट कर्मचारी सरकार के इस सपने को पूरा न होने देने की कसम लिए बैठै हैै। ‘जहाँ कुछ दिन पहले कोरोना जैसी गम्भीर बिमारी से अभी निजात नही मिल पा रही। वही उन्नाव के ए बी नगर मुहल्ले को जुम्मेदारो ने काल के गाल मे छोड दिया है । वहीं रियाज खान से बात करने पर बताया की अब तो बच्चो स्कूल जाने की लिए भी रास्ता नहीं है बच्चो को गोद में लेकर मेन रोड तक छोड़ने जाओ नहीं तो बच्चो की यूनिफार्म स्कूल जाने लायक नहीं रहती है ।मच्छर तो दिन में भी जीना मुहाल किए है सारा मोहल्ले के लोग परेशान है।
रिपोर्ट: वरिष्ठ संवाददाता अरविन्द तिवारी