बुंदेलखंड।
– बुंदेलखंड के ज़िला बाँदा क्षेत्र पैलानी,खपटिहाकला मौरम खंड 100/3 में केन नदी का गला दबाया। नदी की जलधारा बांधकर ट्रांसपोर्ट निकासी कर रहा खदान संचालक। क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य ने की शिकायत। वहीं पिछले दो माह से यूँ ही बंधी हैं केन की जलधारा।
-मृत नदी गर्मी में और हो जाती हैं जलविहीन बावजूद इसके बाँदा के सर्वाधिक जलसंकट अर्थात क्रिटिकल जोन में ऐसे हो रहा बालू खनन। पूरा सिस्टम खदान संचालकों की गिरफ्त में और किसानों का भविष्य अंधकारमय।
– राजस्व क्षति करते ये बेखौफ कारोबारी एनजीटी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जल / वायु सहमति प्रमाणपत्र, खनिज लीज डीड की शर्तें, यूपी उप खनिज परिहार एक्ट 1963 की धारा 41 ज को समझते है खिलौना।
-जनपद में फिर भी सुशासन हैं। व्यवस्था की भेड़चाल में सच लिखना अपराध हैं। वैसे भी हाल ही में एक मौरम कारोबारी व मौका परस्त,पाला बदल एमएलसी प्रत्याशी ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि खनन माफिया किसी के बाप का नहीं होता। माफिया तो सरकार हैं जो खनन का टेंडर देती हैं। सनद रहे बाँदा की ज्यादातर खदानें ठाकुर और ब्राह्मण ही चलाते हैं।
…. पत्रकार आशीष सागर की फेसबुक वॉल से