दिनेश प्रताप का कद बढ़ाना चाहती है भाजपा
वहीं अदिति सिंह की जगह भाजपा ने दिनेश प्रताप सिंह पर ही भरोसा बरकरार रखा है। दिनेश को योगी मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। सूत्र बताते हैं कि इसकी वजह 2024 का लोकसभा चुनाव है। चुनाव के पहले भाजपा रायबरेली में दिनेश का कद बढ़ाना चाहती है। पिछले एक दशक में रायबरेली में दिनेश का परिवार राजनीतिक तौर पर काफी ताकतवर रहा है। दिनेश खुद साल 2010 और 2016 में एमएलसी चुने गए थे। इसके अलावा दिनेश के भाई राकेश सिंह हरचंदपुर से 2017 में विधायक बने थे। 2016 में जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट दिनेश के भाई अवधेश को मिली थी। हालांकि, अब जबकि दिनेश भाजपा में हैं तो स्थितियां कुछ अलग हैं।
इस बार के विधानसभा चुनाव में दिनेश के भाई हार गए। जिला पंचायत अध्यक्ष भी अवधेश नहीं रहे और दिनेश का खुद का एमएलसी का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। यह बात अलग है कि दिनेश को भाजपा ने रायबरेली स्थानीय निकाय सीट से विधान परिषद चुनाव में उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में पहले की तुलना में राजनीतिक तौर पर कमजोर होते दिनेश को भाजपा इसलिए ताकत देना चाहती है, ताकि वह मजबूती से कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अपनी दावेदारी रख सकें और भाजपा प्रदेश में कांग्रेस का यह आखिरी किला भी भेद सके। भाजपा इसके पहले 2019 में अमेठी से राहुल गांधी को हरा चुकी है जबकि दिनेश रायबरेली से भाजपा उम्मीदवार थे। वह चुनाव भले हार गए थे, लेकिन उन्हें भाजपा उम्मीदवार के तौर पर रायबरेली से सबसे ज्यादा वोट मिले थे।
विदेश में पढ़ाई, कांग्रेस विधायक से हुई शादी, लाखों की मालकिन
अदिति सिंह का जन्म 15 नवंबर 1987 को लखनऊ में हुआ था। अदिति ने यूएसए के ड्यूक विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज की डिग्री हासिल की है। विदेश से पढ़ाई के बाद अदिति ने अने पिता अखिलेश सिंह की राजनीतिक विरासत संभाली और विधायक बनीं। 21 नवंबर 2019 को अदिति सिंह ने पंजाब के कांग्रेस विधायक अंगद सिंह संग शादी कर ली थी।