बांगरमऊ उन्नाव तहसील क्षेत्र की नगर पंचायत कुरसठ सहित दो दर्जन से अधिक गांवों में स्थापित इण्डिया मार्का हैंडपंपों से फ्लोराइड युक्त पेय जल निकल रहा है। प्रदूषित पानी से यहां के ग्रामीण अपंगता जैसी घातक बीमारी से ग्रस्त होते जा रहे हैं। हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता फारूक अहमद ने मुख्यमंत्री से जिलाधिकारी के जरिए पेयजल की जांच करा कर समस्या का समाधान कराए जाने की मांग उठाई है।
तहसील क्षेत्र के ग्राम इस्माइलपुर आंबापारा निवासी उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ के वरिष्ठ अधिवक्ता फारूक अहमद एडवोकेट ने मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में कहा है कि तहसील क्षेत्र के ग्राम महोलिया, हरईपुर, ब्योली इस्लामाबाद, चहोलिया, हयातनगर, रोशनाबाद भिक्खनपुर गोपालपुर व नगर पंचायत कुरसठ तथा कुरसठ ग्रामीण के आसपास के 26 गांव तथा जनपद के अन्य स्थानों पर पानी में फ्लोराइड की मात्रा मानक से कई गुना अधिक है। इण्डिया मार्का हैंडपंपों से निकल रहे प्रदूषित पानी से इन गांवों के ग्रामीण विकलांग हो रहे हैं। फ्लोराइड युक्त पेय जल के प्रयोग से लोगों की हड्डियां डेढ़ी होकर गल रही हैं और ग्रामीणों के दांत पीले होकर गिरने का सिलसिला जारी है। एडवोकेट श्री अहमद ने पत्र के जरिए जानकारी दी है कि तहसील क्षेत्र के इन गांवों में फ्लोराइड की समस्या के निदान के लिए वर्ष 1987-88 में राजीव गांधी पेयजल योजना के अंतर्गत ग्राम ब्योली इस्लामाबाद में एक पानी की टंकी का निर्माण कराया गया था। लेकिन तकनीकी खराबी के चलते इस ओवरहेड टैंक से गांवों की जलापूर्ति अरसे से ठप्प है।
एडवोकेट श्री अहमद द्वारा पत्र में जोर दिया गया है कि देश को आजाद हुए 75 वर्ष पूरे हो चुके हैैं। किन्तु अभी तक सरकार अपने नागरिकों को पीने के लिए शुद्ध पानी की व्यवस्था नहीं कर पाई है। जो अत्यंत खेद का विषय है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग उठाई है कि इन सभी गांवों के अतिरिक्त जनपद के अन्य स्थानों पर पानी में फ्लोराइड होने की जांच कराकर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जिलाधिकारी को समुचित निर्देश जारी करें। उन्होंने पत्र की छाया प्रतियां प्रदेश के ग्राम विकास मंत्री, प्रमुख सचिव ग्राम विकास, आयुक्त ग्राम विकास, जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, उपजिलाधिकारी बांगरमऊ तथा उप जिलाधिकारी सफीपुर को भी सूचनार्थ प्रेषित की है।
रिपोर्ट: अनिल यादव