उन्नाव। चर्चित दलित युवती हत्याकांड के मामले में आरोपित पूर्व राज्यमंत्री के बेटे रजोल सिंह को कोर्ट से झटका लगा है।अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने जमानत को खारिज कर दी। पीड़ितों के अधिवक्ता की ओर से जमानत के लिए दी गई दलीलों को कोर्ट ने योग्य नहीं माना। शहर निवासी एक दलित युवती से बीते दिसंबर माह में सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या कर शव को गड्ढे में छिपा दिया गया था। इस घटना में मृतका की मां की ओर से पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह के बेटे रजोल सिंह, काशीराम कालोनी निवासी रिंकी और संजय कुमार के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। मामले में पुलिस ने पूर्व मंत्री के दूसरे बेटे अशोक सिंह को भी घटना का आरोपी बनाते हुए जेल भेज दिया था। पूर्व में अशोक सिंह, रिंकी और संजय की जमानत खारिज हो चुकी है। रजोल सिंह के अधिवक्ता की ओर से जमानत के लिए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) प्रार्थना पत्र दिया गया था। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता ने तर्क दिया कि षड्यंत्र के तहत रजोल को मुकदमे में फंसाया गया है। उसका युवती से कोई वास्ता नहीं था। हालांकि, अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता जगन्नाथ प्रसाद कुशवाहा ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया। उन्होंने कहा कि दलित युवती का अपहरण कर उससे दुष्कर्म और बाद में हत्या कर दी गई। घटना को छिपाने के लिए शव को गड्ढे में गाड़ दिया गया था। आरोपी जघन्य अपराध में शामिल रहा। जिला शासकीय अधिवक्ता की दलीलों को सुन न्यायालय ने रजोल सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी।
अशीष सिंह TV भारत/TPN news नेटवर्क उन्नाव जिला संवाद दाता